Kolkata : गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती पर पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी द्वारा CM ममता बनर्जी को एक नया अवॉर्ड देने का ऐलान करने और सरकारी कार्यक्रम में उन्हें यह अवॉर्ड दिये जाने से बखेड़ा खड़ा हो गया है. कई साहित्यकार अकादमी के फैसले के विरोध में उतर आये हैं. यहां तक कि बांग्ला लेखिका रत्ना राशिद बंदोपाध्याय ने अपना अवॉर्ड अकादमी को वापस कर दिया है.
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सोशल मीडिया पर पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी का विरोध
इस क्रम में साहित्य अकादमी (पूर्वी क्षेत्र) के जनरल काउंसिल के सदस्य आनंदिरंजन विश्वास द्वारा बंगाली अडवाइजरी बोर्ड से इस्तीफा दे दिये जाने की खबर है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जो अवॉर्ड दिया गया है, वह तीन साल में एक बार प्रदान दिया जायेगा. जान लें कि यह अवॉर्ड ऐसे शख्स को दिया जाना है जो मुख्यतः साहित्य के क्षेत्र से न होते हुए भी सृजन करता है. शिक्षा मंत्री ब्रत्य बासु ने सोमवार को ऐलान किया था कि मुख्यमंत्री की रचना कोबिता बितान के लिए उन्हें अवॉर्ड दिया जायेगा. लेकिन इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इस फैसले का विरोध शुरू हो गया.
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रत्ना राशिद को आनंद शंकर रे मेमोरियल अवॉर्ड दिया गया था
रत्ना राशिद को 2019 में आनंद शंकर रे मेमोरियल अवॉर्ड दिया गया था. उन्होंने पश्चिम बंग बांग्ला अकादमी को पत्र लिखकर कहा कि वह जल्द ही मोमेंट और अवॉर्ड कार्यालय भिजवा देंगी. उन्होंने कहा, मुझे पता चला है कि पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवॉर्ड देने जा रही है. कहा कि ऐसा कर अकादमी केवल निंदनीय उदाहरण स्थापित कर रही है और यह ऐसे लोगों की बेइज्जती है जो साहित्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं.
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आनंदीरंजन बिस्वास ने ममता बनर्जी का जिक्र अपने पत्र में नहीं किया
आनंदीरंजन बिस्वास ने ममता बनर्जी का जिक्र अपने पत्र में नहीं किया फिर भी उनका भी संकेत इसी ओर था. बता दें कि शिक्षा मंत्री ही पश्चिमबंग बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष हैं. पुरस्कार वितरण के दौरान ममता बनर्जी मंच पर मौजूद थीं लेकिन उन्होंने खुद इस अवॉर्ड नहीं लिया. बसु ने ममता बनर्जी की जगह इसे स्वीकार किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही संस्कृति मंत्रालय की हेड हैं.
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