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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय सेना ने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा

New Delhi :  दोपहर बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के  बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई. लोकसभा में  ने कहा, पहलगाम हमले के तुरंत बाद, हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक निशाना साधा, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक मारे गये. 

 

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम विपक्ष के साथियों से तय कार्यक्रम के अनुसार  ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कर रहे हैं.  डिबेट को डिस्टर्ब करने की कोशिश ना करें. हम किसी विषय पर पीछे नहीं हटते. जो भी विषय बीएसी में तय होगा, हम चर्चा के लिए तैयार हैं.

 

 

 


राजनाथ सिंह ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, मारे गये लोगों में अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे.  

 

 

राजनाथ सिंह ने सेना के शौर्य की सराहना की. कहा कि सेना ने 6-7 मई की रात ऐतिहासिक ऑपरेशन किया. पहलगाम आतंकी हमले में लोगों को धर्म पूछकर मारा गया. रक्षा मंत्री ने  पहलगाम हमले को अमानवीयता का सबसे बड़ा उदाहरण करारा दिया.  

 

 

राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर निर्णायक कार्रवाई करने को कहा.  सेना ने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा. सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया. 

 

 

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिन्ह मोहिं मारा, तिन्ह मोहिं मारे. हमारी कार्रवाई पूरी तरह से सेल्फ डिफेंस में थी.  7 मई से 10 मई की रात 1 बजकर 30 मिनट तक पाकिस्तान ने मिसाइलों, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करके भारत पर बड़े पैमाने पर हमला किया.

 

 

उनके निशाने पर हमारे सैन्य अड्डे थे. हमारा डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया और पाकिस्तान किसी भी टार्गेट को हिट नहीं कर पाया.

 

राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी सरकार ने भी पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए कई प्रयास किये हैं. लेकिन बाद में, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हमने शांति स्थापित करने के लिए एक अलग रास्ता अपनाया है.  नरेंद्र मोदी सरकार का रुख साफ  है . बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.

 

 

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