New Delhi : लोकसभा में आज सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर 16 घंटे की चर्चा होनी है. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदन दो बजे तक स्थगित हैं.
P. Chidambaram, former UPA-era Home Minister and the original proponent of the infamous “Saffron Terror” theory, covers himself with glory yet again:
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 27, 2025
“Have they (NIA) identified the terrorists or where they came from? For all we know, they could be homegrown terrorists. Why do… pic.twitter.com/c32I1KzqOg
जान ले, कि आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है.
चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता पर सवाल उठा दिया. कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे प्रूफ हो कि हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान से आये थे.
चिदंबरम ने बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हल्ला बोल दिया है. भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पाकिस्तान की वकालत करने का आरोप लगाया है.
यूपीए सरकार में गृह मंत्री रह चुके पी. चिदंबरम ने द क्विंट को दिये साक्षात्कार में कहा, एनआईए बताने को तैयार नहीं हैं कि पिछले दिनों में उन्होंने क्या किया है. पूछा कि क्या एनआईए ने आतंकवादियों की पहचान की है?
चिदंबरम ने कहा, क्या यह पता लगाया है कि वे कहां से आये थे? हो सकता है वे देश के ही आतंकवादी हों. आप(सरकार) यह क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आये थे? इसका कोई सबूत नहीं है.
पी चिदंबरम के बयान पर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, पी चिदंबरम, यूपीएकाल के पूर्व गृह मंत्री और कुख्यात भगवा आतंक सिद्धांत के प्रणेता ने एक बार फिर खुद को शर्मसार किया है.
वे कहते हैं, क्या एनआईए ने आतंकवादियों की पहचान की या वे कहां से आये? क्या पता वे देश के ही आतंकवादी हों. आप क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आये? इसका कोई सबूत नहीं है.
अमित मालवीय ने लिखा, कांग्रेस एक बार फिर पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की जल्दबाजी में है. जब भी हमारी सेनाएं पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना करती हैं, कांग्रेस नेता भारत के विपक्ष से ज्यादा इस्लामाबाद के बचाव पक्ष के वकील नजर आते हैं.
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