Ranchi/ Jamshedpur: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विवादित बयान देने वाले डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ है. राज्य के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर के विधायक सरयू राय लगातार इस मामले को लेकर मुखर हैं. सरयू राय इस पूरी कार्रवाई पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं और इस मुद्दे का हल निकाले जाने की मांग कर चुके हैं. इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है जिसमें इस पूरे प्रकरण पर गंभीर सवाल उठाये गए हैं. इस पत्र में डॉक्टर ओपी आनंद के उस आवेदन का जिक्र है, जिसमें ओपी आनंद ने वरियल मार्डी के जरिये स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा उनसे 1.50 करोड़ रूपये मांगे जाने और अस्पताल बंद करवाने की धमकी देने संबंधित जानकारी आरआईटी थाने में दी गयी है.
डॉ ओपी आनंद ने स्वास्थ्य मंत्री पर लगाए इन बेहद गंभीर आरोपों की शिकायत मेल के माध्यम से की है. आवेदन में कहा गया है कि दिनांक 15 मई को वरियल मार्डी खुद को जिले का सिविल सर्जन बताते हुए उनके अस्पताल में 3-4 लोगों के साथ जबरदस्ती घुस आये और बोलने लगे की मैं बन्ना गुप्ता का खास आदमी हूं. बन्ना गुप्ता ने कहा है कि तुम्हारे अस्पताल की जांच करने को. जिसपर मैंने (डॉ आनंद) जांच से संबंधित कागजात मांगे. जिसके बाद वारियल मार्डी ने मुझे धमकी देते हुए कहा कि तुमको अगर अपना अस्पताल चलाना है तो 1.50 करोड़ रूपये मेरे द्वारा पहुंचाओ,बन्ना गुप्ता ने मांगा है. दो दिन के अंदर तुमने पैसा नहीं पहुंचाया तो तुम्हारा अस्पताल बंद करवा देंगे और तुम्हें बर्बाद कर देंगे.
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स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विवादित बयान देने पर हुई गिरफ्तारी
बता दें कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वाले 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस डॉ ओपी आनंद से पूछताछ कर रही है. डॉ ओपी आनंद पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किए जाने का मामला आरआईटी थाने में दर्ज किया गया था. जॉ आनंद पर धारा 340, 341, 323, 304, 353, 506 और 188 के तहत मामला दर्ज कया गया था.
उसी आधार पर रविवार को उनकी गिरफ्तारी की गयी है. जिले के आदित्यपुर स्थित निजी अस्पताल 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती दी थी. इसका वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया था.
वीडियो में डॉ आनंद ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर विभाग की टीम उनके अस्पताल में जांच करने आयी थी. उनके यहां सात मरीज भर्ती हैं, उनका लिहाज करते हुए चुप रहा, वरना ऐसे मंत्री और अधिकारियों को कूट कर रख देता.
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