Bermo: भारतीय रेलवे ने माल परिवहन के क्षेत्र में पहल की है. परंपरागत कमोडिटी के साथ-साथ गैरपरंपरागत कोमोडिटी के परिवहन के लिए प्रयास शुरू किया है. इसी प्रयास के तहत गुरुवार को धनबाद जोन के डीआरएम आशीष बंसल ने बोकारो थर्मल पावर स्टेशन और चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन का दौरा किया. उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता की.
DVC अधिकारियों के साथ हुई बैठक
बैठक में दोनों थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाले फ्लाई ऐश को रेल से बाहर भेजे जाने को लेकर स्थानीय निदेशक भवन में DVC अधिकारियों और DRM की मैराथन बैठक हुई. इसमें कई मसलों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद डीआरएम डीवीसी द्वारा जारंगडीह कोल यार्ड से बोकारो थर्मल पावर प्लांट तक बनाये गये ट्रैक का निरीक्षण किया. कहा कि अब निरंतर लोकोमोटिव द्वारा ट्रैकहॉपर के माध्यम से प्लांट में कोयले की आपूर्ति की जाएगी. डीवीसी के द्वारा जारंगडीह कोल यार्ड से बोकारो थर्मल पावर प्लांट तक नया ट्रैक बनाया गया है. यह ट्रैक डीवीसी की देखरेख में राइट्स कंपनी ने बनाया है. अब प्लांट को इस नये ट्रैक से कोयला की आपूर्ति की जाएगी.
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रेलवे ट्रैक बनाने में 6 वर्ष लग गये
बताया जाता है कि नई रेलवे ट्रैक लगाने का कार्य वर्ष 2015 में शुरू हुआ था. जिसे पूरा होने में लगभग 6 वर्ष लग गया. इस नवनिर्मित रेलवे ट्रैक के जरीए 500 मेगावाट के ए प्लांट के सीएचपी तक रेलवे रैक के द्वारा कोयला की आपूर्ति की जायेगी. इससे पहले बोकारो थर्मल के बंद बी प्लांट के कोलयार्ड से नये ए प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति की जा रहा थी. अब नये ए प्लांट का अपना कोलयार्ड का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. मौके पर डीवीसी के प्रोजेक्ट हेड सुंशात सन्नीग्रही, सुनील प्रसाद, मृत्युंजय प्रसाद और ए चंद्रा सहित कई डीवीसी अधिकारी और रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक पंकज कुमार, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अखिलेश कुमार पांडेय, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय अमित कुमार सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे.
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