- राज्य की विधि व्यवस्था चरमराई, राजधानी भी सुरक्षित नहीं
- रेमडिसिविर कालाबाजारी में कई बड़ी मछलियों की गर्दन फंसी थी.
- आत्महत्या मामले की हो एसआईटी जांच- दीपक प्रकाश
की शिक्षा पद्धति की जगह स्कूलों में पढ़ाई हो सनातन संस्कृति, तभी भारत विश्व गुरू बनेगा: सद्गुरू श्री ऋतेश्वर महाराज उन्होंने कहा है कि हाई-अलर्ट के बावजूद राजधानी रांची में होली जैसे रंगों के त्यौहार के दिन अपराधियों द्वारा खून की होली खेली जाती है. लॉ एंड ऑर्डर को लेकर हेमंत सरकार के तमाम दावे हवा हवाई हैं. रांची के सबसे VVIP अशोक नगर जैसे इलाके में दिन के उजाले में एक महिला की चाकू गोदकर हत्या कर दी जाती है तो उसी दिन रात में फिर तुपुदाना 10 माइल चौक के पास एक महिला की गोली मारकर हत्या हो गई. आखिर हजारों की संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती किस काम की है. इसके अलावा रविवार को फिर राजधानी रांची में ही अज्ञात अपराधियों ने हिंदपीढ़ी इलाके में एक युवक पर फायरिंग कर दी तो लोअर बाजार इलाके में एक युवक को चाकू मारकर घायल कर दिया. कहने का आशय है कि झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह फेल हो चुकी है. रांची में दवा व्यवसायी और रेमडिसिविर कालाबाजारी मामले में सीआईडी जांच के आरोपी राकेश रंजन द्वारा अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले से कूदकर आत्महत्या मामले पर भी दीपक प्रकाश ने सवाल उठाया है. दीपक प्रकाश ने कहा है कि इसे सिर्फ आत्महत्या के एंगल से जांच करना उचित नहीं समझा जा सकता है. अगर गहराई से जांच हुई तो संभवत: कई परतें खुलने की संभावना है. रेमडिसिविर कालाबाजारी में कई बड़ी मछलियां की गर्दन फंसी हुई थी. हो सकता है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए भी इस मामले को आत्महत्या का रंग देने का प्रयास किया गया हो. इसलिए इस मामले की एसआईटी गठित कर जांच आवश्यक है. इसे भी पढ़ें-किरीबुरु">https://lagatar.in/kiriburu-truck-going-towards-badbil-crashes-near-horomoto-settlement/">किरीबुरु
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