Ranchi : कुरमी को एसटी सूची में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में कई जगहों पर रेल रोको आंदाेलन चला कर ट्रेनें रोकी गयी. इसके तीनों राज्यों में रेल सेवा अस्त-व्यस्त रही. भारी संख्या में कुरमी समाज के लोग रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों पर जमा हो गये. झारखंड के नीमडीह, बंगाल के पुरूलिया, झारग्राम, बांकुड़ा और ओड़िशा के मयूरभंज में ट्रेन सेवा बाधित करने का प्रयास किया गया. रेलवे पुलिस के मोर्चा संभालने के बाद रेल पटरियों को खाली कराया गया.
1955 तक कुरमी एसटी सूची में शामिल थी
झारखंड कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार एवं प्रवक्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि जब तक सरकार कुरमी को एसटी की सूची में शामिल करने की घोषणा नहीं करती है, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा. कहा, वृहद झारखंड के झारखंड, ओड़िशा और प बंगाल के कुरमी समाज को एसटी सूची में शामिल करने की मांग वर्षों पुरानी है. सरकार समय रहते इसकी घोषणा नहीं करती है, तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसका खमियाजा राजनीतिक दलों को भोगना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1955 तक कुरमी एसटी सूची में शामिल थी. मगर एक साजिश के तहत कुरमी को इस सूची से बाहर कर दिया गया. वृहद झारखंड के कुरमी-कुड़मी की रहन-सहन, पूजा-पाठ, शादी-विवाह, पर्व त्योहार आदिवासियों से मिलती- जुलती है. इसके बावजूद कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. आने वाले दिनों में यह आंदोलन और जोर पकड़ेगा.
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