Bermo : कोरोनाकाल की दूसरी लहर में अब प्रतिष्ठानों पर भी असर पड़ने लगा है. छोटे छोटे उद्योग में काम कम होने लगे हैं. जिसका परिणाम बिजली उत्पादन करने वाले प्रतिष्ठानों पर पड़ने लगी है. वहीं बड़े प्रतिष्ठान भी महामारी के कारण परियोजनाओं में कर्मचारियों की रोस्टर के तहत ड्यूटी लेने लगी है. जिसका ताज़ा उदाहरण डीवीसी परियोजना की है.
डीवीसी की 9 परियोजनायें है
डीवीसी में इन दिनों क्षमता से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है. डीवीसी की 9 परियोजनायें है. जिसमें बोकारो थर्मल की ए और बी प्लांट, चंद्रपुरा, दुर्गापुर, कोडरमा, मेजिया, रघुनाथपुर, मैथन एवं पंचेत शामिल है. डीवीसी के इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 7107.2 मेगावाट की है. लेकिन कोरोना काल में आज की उत्पादन करीब 4184 मेगावाट हुआ है. उत्पादन में गिरावट आयी है.
प्लांट में अधिकारी, कर्मचारी व कामगार भी कम आ रहे हैं.
इस गिरावट के संबंध में बताया जाता है कि कोरोना महामारी के कारण बहुत से छोटे-छोटे प्लांट उस गति में नहीं चल रहे हैं जैसे सामान्य दिनों में चला करता था. इसके अलावा कुछ तो तकनीकी गड़बड़ी भी है. जबकि देश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के कारण प्लांट में अधिकारी, कर्मचारी व कामगार भी कम आ रहे हैं. इसका भी एक प्रमुख कारण अधिकारी मानते है.
डिमांड बढ़ने के बाद उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जायेगी
डीवीसी के प्रभारी प्रोजेक्ट हेड सह चीफ इंजीनियर अभिमन्यु प्रसाद सिंह का कहना है कि बिजली का डिमांड पर प्लांटों से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, डिमांड बढ़ने के बाद उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जाती है.
डीवीसी की बिजली कई राज्यों में दी जाती है
डीवीसी की बिजली बांग्लादेश के अलावा दिल्ली, मुंबई, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित रेलवे, कोल इंडिया, सेल, टाटा व जिंदल स्टील, दिल्ली डिस्कॉम तथा निजी कल-करखानों में आपूर्ति की जाती है. बीटीपीएस के प्रोजेक्ट हेड सुप्रियो गुप्ता की मौत कोरोना से 11 अप्रैल की होने के बाद प्लांट के अधिकारी, कर्मचारी और कामगार सहम गये है. इसके अलावे चीफ इंजीनियर एपी सिंह के पीए सावन महाराजन, लेखपाल स्वपन राय की भी मौत हो गयी है. जिससे प्लांट में कई अधिकारी, कर्मचारी और कामगार भी प्लांट आने-जाने से डरने लगे. मुख्यालय के आदेश पर कार्यस्थल पर 50 फीसदी मैनपावर कम कर दिया गया है. ऐसे विद्युत नगरी में डीवीसी कर्मी, गैर डीवीसी कर्मी, रिटाइड डीटीसी कर्मी सहित अन्य लोगों की जान कोरोना की दूसरी लहर में चली गई है.