लौह अयस्क नीलाम कर सरकार वसूलेगी जुर्माने की 341 करोड़ राशि
Ranchi: झारखंड सरकार प्रदेश के खदानों में जमा करके रखे गए लौह अयस्क को नीलाम करने वाली है. पश्चिमी सिंहभूम जिले से इसकी शुरुआत की जा रही है. राज्य सरकार ने पहले चरण में सारंडा वन क्षेत्र में स्थित दो खदानों को चिन्हित किया है. इनमें घाटकुड़ी आयरन ओर माइंस और राजबेड़ा माइंस शामिल है. इन दोनों खदानों में पहले से खनन कर जमा किये गये लौह अयस्कों को ई-टेंडर के जरिये नीलाम किया जाएगा. दोनों खदान चाईबासा के पद्म कुमार जैन के नाम से रजिस्टर्ड थी.
जेएसएमडीसी के माध्यम से होगी खदानों की नीलामी
खदानों में जमा लौह अयस्कों की नीलामी सरकार की नोडल एजेंसी झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी जेएसएमडीसी के माध्यम से होगी. खदानों के लौह अयस्क बेचने के बाद मिलने वाली सारी राशि सीधे सरकार के खाते में जमा होगी. दोनों खदान में मौजूद स्टॉक का निष्पादन जेएसएमडीसी के द्वारा खुली निविदा के तहत की जाएगी. भारतीय खान ब्यूरो द्वारा अधिसूचित मूल्य नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य आधार होगा. जेएसएमडीसी को विक्रय मूल्य की पांच फीसद राशि नीलामी संपन्न कराने एवं खनिज के निष्पादन के खर्च का वहन करने के लिए दी जाएगी.
2015 में खत्म हो गई थी खदानों की लीज
दोनों खनन पट्टा मैसर्स पद्म कुमार जैन के नाम पर दिया गया था. कॉमन कॉज के मामले में इन दोनों खदानों की लीज सरकार ने वर्ष 2015 में ही समाप्त कर दी थी. ठाकुरानी माइंस पर लगभग 334 करोड़ व राजाबेड़ा माइंस पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. राशि जमा नहीं करने पर कई करोड़ रुपये सूद अब तक लग चुका है. इसी बकाया राशि की वसूली के लिए ही सरकार जमा खनिज की नीलामी करने जा रही है.