Lagatar Desk : ईडी. यानी इंफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट. यानी देश की सर्वाधिक शक्ति संपन्न जांच एजेंसी. इस एजेंसी की कार्रवाईयों को लेकर तमाम तरह की बहसबाजियां चलती रही हैं. आरोप लगते रहे हैं. इस बीच भारत सरकार ने राज्यसभा में ईडी के कामों का पिछले 10 सालों का लेखा जोखा पेश कर दिया है. सांसद साकेत गोखले के सवाल पर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में जवाब दिया है.
राज्यसभा में पेश जवाब के मुताबिक ईडी एक जनवरी 2015 से लेकर 30 जून 2025 तक कुल 5892 मामलों की जांच शुरु की. सारे मामले प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2025 के तहत जांच के लिए लिया गया. इनमें से 1751 ( प्रोसक्यूशन कंप्लेन के 1398 और 353 सप्लीमेंटरी प्रोसक्यूशन कंप्लेन) मामले अदालत तक पहुंचे. इनमें से सिर्फ 366 मामलों में चार्जफ्रेम हुआ.
पिछले साढ़े दस सालों में ईडी ने जिन मामलों की जांच की, जिन लोगों की गिरफ्तारी की, जिन मामलों में चार्जशीट की, जिन आरोपों और गिरफ्तारियों को लेकर राजनीतिक मुद्दा बनाया गया, उनमें से सिर्फ 8 मामलों में अदालत ने सजा सुनाई. जिनमें सिर्फ 15 लोगों को सजा मिली. यानी सजा का दर सिर्फ 0.13 प्रतिशत रहा.
Leave a Comment