Ranchi : हाल ही में स्कूलों में हुई कुछ दुखद घटनाओं के मद्देनज़र शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल सुरक्षा को लेकर त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया है. विभाग ने 26 जुलाई 2025 को जारी पत्र का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि स्कूल भवनों की संरचनात्मक मजबूती बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए सबसे अहम है.
जारी निर्देश के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं
तत्काल पहचान – सभी सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट कर जर्जर और अनुपयोगी भवनों की पहचान की जाए.
मरम्मत/ध्वस्तीकरण – असुरक्षित पाए गए भवनों की तुरंत मरम्मत, रेट्रोफिटिंग या ज़रूरत पड़ने पर ध्वस्तीकरण किया जाए. ऐसे भवनों में कक्षाएं किसी भी स्थिति में न चलें जब तक सक्षम प्राधिकरण से सुरक्षा प्रमाणपत्र न मिल जाए.
उपयोगिता – ध्वस्त किए गए भवनों की जगह खेल मैदान, पोषण वाटिका, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि गतिविधियों के लिए उपयोग की योजना बनाई जाए.
अस्थायी व्यवस्था – मरम्मत या ध्वस्तीकरण के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक सुरक्षित भवनों की व्यवस्था की जाए.
नियमित निगरानी – जिला शिक्षा पदाधिकारी और स्थानीय प्राधिकरण कार्यों की प्रगति पर नियमित नजर रखें और मासिक रिपोर्ट राज्य सरकार एवं एसडीएमए/डीडीएमए को भेजें.
अनिवार्य प्रमाणन – किसी भी भवन के पुन: उपयोग की अनुमति तभी दी जाए, जब योग्य इंजीनियर या प्राधिकरण द्वारा संरचनात्मक फिटनेस प्रमाणपत्र उपलब्ध हो.
विभाग ने सभी राज्यों से इस दिशा-निर्देश को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लागू करने को कहा है और चेतावनी दी है कि अनुपालन न करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
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