Mumbai : बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को तलोजा सेंट्रल जेल प्रशासन को कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को पंद्रह दिनों के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिये जाने की सूचना है. इसके बाद उन्हें शुक्रवार देर रात बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बता दें कि पिछली सुनवाई में स्टेन स्वामी ने सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती होने की अदालत की सलाह नहीं मानी थी. इनकार करते हुए कहा था कि वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते और उसकी जगह कष्ट सहना पसंद करेंगे और संभवत: स्थितियां जैसी हैं, वैसी रहीं तो जल्द ही मर जायेंगे.
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अंतरिम जमानत दिये जाने की मांग की थी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ में शामिल जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनआर बोरकर ने स्वामी की याचिका पर त्वरित सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. जान लें कि याचिका में स्वामी ने एनआईए द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद अंतरिम जमानत दिये जाने की मांग की थी. स्वामी ने अपने खराब स्वास्थ्य और कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर जमानत की गुहार लगाई थी.
19 मई को हाईकोर्ट ने सरकारी जेजे अस्पताल के डीन को स्वामी की मेडिकल स्थिति की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्देश कर रिपोर्ट 21 मई तक पेश करने का निर्देश दिया था.
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उनकी मौत हो सकती है
21 मई को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुए स्वामी ने कहा था, आठ महीने पहले यहां लाया गया था. जब मुझे तलोजा जेल लाया गया तो मेरी पूरी प्रणाली, मेरा शरीर काफी सक्रिय था, लेकिन इन आठ महीनों में मेरे शरीर के काम करने के स्तर में तेजी से गिरावट आयी है. उन्होंने हालांकि जेजे अस्पताल शिफ्ट करने के अदालत के सुझाव से इनकार करते हुए कहा था कि वह वहां शिफ्ट नहीं होना चाहते, क्योंकि वहां उन्हें परेशानी होगी और संभवतः जल्द ही उनकी मौत हो सकती है.
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उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है
स्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने स्वामी से बात करने और उन्हें इलाज के लिए मनाने के लिए स्थगन की मांग की थी. शुक्रवार को देसाई ने हाईकोर्ट को बताया था कि स्वामी होली फैमिली अस्पताल में इलाज कराने के लिए तैयार हैं और वह खुद ही इलाज का खर्च उठाएंगे.उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है और यह जरूरी है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाये, ताकि उन्हें उचित इलाज मिल सकें.
देसाई ने कहा कि उन्हें अस्पताल में हर समय एक अटेंडेंड की जरूरत होगी और मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और मौजूदा समय में बांद्रा के सेंट पीटर चर्च में पैरिश पादरी फादर फ्रेजर मासेरेनहास जो स्वामी के दोस्त भी हैं, उन्हें अस्पताल में उनके साथ रहने की मंजूरी दी जानी चाहिए.
एनआईए की ओर से मामले में पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि स्वामी को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती करना जरूरी नहीं है, क्योंकि जेजे अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि पीठ की ओर से निजी अस्पताल में अपीलकर्ता को भर्ती करने की मंजूरी देने से सरकारी अस्पतालों की क्षमता कमतर आंकी जायेगी और गलत धारणा बनेगी.
आरोपी की उम्र 84 साल है
जेल विभाग की ओर से पेश एडिशनल सार्वजनिक अभियोजक जेपी याज्ञनिक ने कहा कि स्वामी जेजे अस्पताल समिति के सुझाव के अनुरूप स्वामी की उचित देखरेख की जा रही थी. हाईकोर्ट ने कहा, विवाद यह नहीं है कि आरोपी की उम्र 84 साल है और जेजे अस्पताल के डॉक्टरों की टीम के निष्कर्षों के अनुसार उन्हें इलाज की जरूरत है. मौजूदा महामारी की स्थिति में मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से उन्हें जेजे अस्पताल में उन पर उचित ध्यान देना उचित नहीं होगा. हाईकोर्ट ने कहा, हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को पंद्रह दिनों के लिए होली फैमिली अस्पताल में इलाज का विकल्प दिया जा सकता है.