Ranchi: डोरंडा स्थित अशोका होटल के कर्मचारियों ने सोमवार को होटल के मुख्य गेट के सामने अपनी ढाई साल के वेतन और समायोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. किचन विभाग के कर्मचारी सुरेंद्र शर्मा, जीतु सिंह, पंकज कुमार, अखिलेश्वर मांझी, राम प्रसाद राम, मनोज कुमार गुप्ता, सुरेंद्र लाल शर्मा, दीपक सहाय और ओमप्रकाश ने बताया कि होटल में पहले 32 कर्मचारी काम करते थे, लेकिन अब केवल छह कर्मचारी ही बचे हैं.
इनमें से दो कर्मचारी फरवरी और जून में रिटायर हो जाएंगे, जबकि बाकी 26 कर्मचारियों में से कुछ ने वीआरएस (वॉलेंटरी रिटायरमेंट) ले लिया है और कुछ रिटायर हो चुके हैं. इन कर्मचारियों का लगभग सात से आठ लाख रुपये प्रति कर्मचारी बकाया है. इस बकाए को प्राप्त करने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री, आईटीडीसी और अन्य संबंधित विभागों को लिखित आवेदन भी दिए हैं. इसके बावजूद, ढाई साल से बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. कर्मचारियों का कहना है कि अब तक इंतजार करते हुए सात साल बीत चुके हैं, लेकिन फिर भी बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया.
अशोका होटल में हुआ था बिहार से झारखंड बनने का प्रस्ताव
अशोका होटल में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि इसी होटल में राजनीतिक पार्टियों ने बैठकर झारखंड राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव भेजा था. यह होटल झारखंड का एक प्रसिद्ध होटल है, जहां सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों की बैठकें हुआ करती थीं.
19 मार्च 2018 से बंद हो गया होटल
अशोका होटल को बिना पिलर के 30 कमरे का होटल बनाया गया था. इसमें एक बैंक्वेट हॉल भी था. होटल में 5000 लोगों की स्टैंडिंग क्षमता और 2000 से ज्यादा लोगों की सीटिंग कैपेसिटी थी. लेकिन 19 मार्च 2018 से होटल बंद हो गया है.
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