नारकीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर है आदिवासी मुहल्ला के लोग
Ranchi : टैगोर हिल स्थित कुसुम बिहार रोड नंबर 4 की स्थिति आज भी नारकीय बनी हुई है. हरिहर स्टेट सोसाइटी गली में तकरीबन 200 घर हैं, जिसमें करीब 500 अधिक की आबादी निवास करती है.
यह क्षेत्र नगर निगम के वार्ड संख्या 4 में आता है, लेकिन झारखंड बनने के 25 साल बाद भी कच्ची सड़क बनी हुई है. ये मुख्य सड़क टैगोर हिल रोड को जोड़ती है. इस रोड पर न तो पक्की सड़क बनी है और न ही बिजली के खंभे लगाए गए हैं. लोग आज भी उबड़ खाबड़ में चलने के लिए मजबूर है.
स्थानीय निवासी रंजित मुंडा ने बताया कि कुसुम बिहार रोड नंबर 4 आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जिसे मुंडा बस्ती कहा जाता है. यह रोड बनियाटोली और टैगोर हिल रोड को जोड़ता है. जिसकी लंबाई लगभग 600 मीटर और चौड़ाई 16 से 17 फीट है. यह क्षेत्र चारों ओर से पीसीसी सड़कों से घिरा है, लेकिन यही एक मुख्य मार्ग अब भी कच्चा और जर्जर अवस्था में है.
नापी होती रही, लेकिन निर्माण अधूरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस रोड को लेकर नगर निगम को दो बार आवेदन दिया गया है. 2025 में दो बार नापी किया गया, स्थानीय निवासियों और पार्षद प्रतिनिधियों के द्वारा भी सड़क बनाने पर बात कही गई थी. पूर्व वार्ड पार्षदों को कई बार रोड बनाने के लिए आवेदन दिए जा चुके है.
इसके बाद भी यह रोड जस की तस बना हुआ है. पिछले महीने नापी की गई, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाया. स्थानीय रीमा भुटकुमार ने बताया कि यह क्षेत्र आदिवासी परिवारों से बसा है, लेकिन सरकारी अनदेखी का दंश झेल रहा है.
बारिश में घुटना तक पानी, रात में अंधेरा, सांप, बिच्छू काटने का लगा रहता है डर
बारिश में सड़क पर जलजमाव हो जाता है. यह रोड तालाब में तब्दील हो जाती है. मूसलाधार बारिश से सड़क पर घुटना तक पानी भर जाता है, जिससे राहगीर, स्कूटी और बाइक चालकों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सड़क पर बिजली का एक भी खंभा नहीं लगाए गए है. जिससे रात के समय पूरा इलाका अंधेरे में डूबा रहता है. इससे महिलाओं और बच्चों को आने जाने में हमेशा डर लगा रहता है.
नगर निगम और प्रशासन को लगा चुके है गुहार
स्थानीय लोगो ने बताया कि यह रोड मुख्य मार्ग है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी इसी रोड का इस्तेमाल किया जाता है. इस रोड को बनवाने के लिए लोगों ने नगर निगम और प्रशासन से गुहार लगाई है.
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