Search

39 सीनियर DSP  ट्रेनिंग के बाद भी सालों से कर रहे पोस्टिंग का इंतजार, केंद्रीय मंत्री व विधायक ने उठाए सवाल

Sanjeet Yadav

Ranchi :   झारखंड के 7वें बैच के 39 सीनियर डीएसपी (प्रशिक्षु डीएसपी) ट्रेनिंग के एक साल बाद भी पोस्टिंग के इंतजार में हैं. वहीं दूसरी ओर 1994 बैच के 93 इंस्पेक्टर को डीएसपी के पद पर प्रमोशन देकर उनकी पोस्टिंग भी कर दी गई है. जबकि वे प्रशिक्षु डीएसपी से सीनियर नहीं हैं. इसको लेकर केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और हजारीबाग विधायक विधायक ने फेसबुक पर पोस्ट कर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. 

 

चार साल से पोस्टिंग का इंतजार करना, प्रशासनिक सुस्ती का शर्मनाक उदाहरण

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि 7 से 10वीं जेपीएससी परीक्षा पास कर डीएसपी रैंक हासिल करने वाले युवा अफसरों को चार साल बाद भी पोस्टिंग नहीं मिली. जबकि उन्होंने पूरी ट्रेनिंग भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. मंत्री ने कहा कि दो साल से सिर्फ 'प्रशिक्षु' का टैग झेल रहे इन अधिकारियों के साथ व्यवस्था ने अन्याय किया है. यह न केवल युवाओं का मनोबल तोड़ने वाला है, बल्कि प्रशासनिक सुस्ती का शर्मनाक उदाहरण भी है. 

 

केंद्रीय मंत्री ने उठाये सवाल- क्या मेरिट के कारण हो रही उपेक्षा

अन्नपूर्णा देवी ने यह भी जोड़ा कि जब राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध, हत्या, बलात्कार और लूट जैसे मामले बढ़ रहे हैं, तो ऐसे में नवीन, ऊर्जावान और प्रशिक्षित अफसरों को फील्ड में उतारना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. यह प्रश्न झारखंड सरकार की कार्यशैली पर सीधा प्रहार है केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में सवाल उठाया कि क्या ये अफसर सिर्फ इसलिए उपेक्षित हैं, क्योंकि वे मेरिट से आए हैं? अब वक्त है कि शासन इस अन्याय को सुधारे और इन योग्य अधिकारियों को तुरंत पदस्थापित करे.

 

विधायक प्रदीप प्रसाद ने इसे गंभीर मुद्दा बताया

हजारीबाग विधायक प्रदीप प्रसाद ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा है. सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि 7 से 10वीं जेपीएससी से चयनित DSP रैंक के अफसर 4 साल बाद भी पदस्थापना का इंतजार कर रहे हैं. प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद दो साल से सिर्फ "प्रशिक्षु" का टैग झेल रहे हैं. जब राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं, तब ऐसे प्रशिक्षित अफसरों को फाइलों में नहीं, फील्ड में लगाया जाना चाहिए. उन्होंने भी यह सवाल उठाया कि क्या इन अफसरों की उपेक्षा मेरिट से चयनित होने के कारण हो रही है? उन्होंने सरकार से योग्य अधिकारियों को तुरंत पदस्थापित करने की मांग की .

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp