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EXCLUSIVE : अमन साहू गिरोह की अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर शिकंजा, अपराधी राहुल सिंह के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस

Ranchi :  झारखंड में आतंक का पर्याय बने अमन साहू( मृत) गिरोह की सक्रियता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकंजा कसता जा रहा है. इसी क्रम में गिरोह से जुड़े एक और प्रमुख अपराधी राहुल सिंह के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस झारखंड पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई-इंटरपोल द्वारा जारी किया गया है.

 

जानकारी के अनुसार, अपराधी राहुल सिंह की सक्रियता झारखंड के कई प्रमुख जिलों जैसे पलामू, रांची, चतरा, हजारीबाग, और लातेहार में है. यह गिरोह मुख्य रूप से कारोबारियों और ठेकेदारों को डरा-धमका कर लेवी (रंगदारी) वसूलने का काम करता है, जिससे राज्य में भय का माहौल बना हुआ है.

 

राहुल सिंह के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां अब उसकी पहचान, स्थान और गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने में जुट जाएंगी, ताकि उसकी गिरफ्तारी की राह आसान हो सके.

 

क्या है ब्लू कॉर्नर नोटिस? 

ब्लू कॉर्नर नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय अलर्ट है, जिसे इंटरपोल अपने सदस्य देशों के अनुरोध पर जारी करता है. इसका मुख्य उद्देश्य किसी आपराधिक जांच से संबंधित व्यक्ति की पहचान, ठिकाने या उसकी गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करना होता है. यह नोटिस जांच को आगे बढ़ाने और अपराधी के अंतरराष्ट्रीय मूवमेंट को ट्रैक करने में सहायक होता है.

 

इससे पहले सुनील मीणा की हो चुकी है गिरफ्तारी 

 यह पहली बार नहीं है, जब अमन साहू गिरोह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की गई है. इस गिरोह के प्रमुख सदस्य सुनील मीणा को अगस्त 2025 में सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण कर अजरबैजान से रांची लाया गया था. सुनील मीणा के खिलाफ झारखंड पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई-इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जो उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण में निर्णायक साबित हुआ.

 

पूछताछ के दौरान सुनील मीणा ने गिरोह के विदेश में बैठे तमाम सहयोगियों के नाम का खुलासा किया था. उसने बताया था कि गिरोह के कई सदस्य यूएस, कनाडा, यूके और मलेशिया जैसे देशों से इसे ऑपरेट कर रहे हैं. मीणा ने यह भी बताया था कि गैंगस्टर लॉरेंश विश्नोई, गोल्डी बरार और अमन साहू गैंग के बीच की कड़ी रहा मयंक सिंह मलेशिया में लंबे समय तक रहा था. एटीएस ने सुनील मीणा से गिरोह द्वारा उठाई गई रंगदारी, उसके निवेश, हथियारों की खरीद और अन्य वित्तीय पहलुओं पर गहन पूछताछ की थी.

 

 

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