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EXCLUSIVE : लॉरेंस विश्नोई व अमन साहू गिरोह के सुनील मीणा को 23 को अजरबैजान से लाया जाएगा रांची

Ranchi : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू (मृत) गैंग का सदस्य सुनील मीणा, को 23 अगस्त को रांची लाया जाएगा. सुनील मीणा को 28 अक्टूबर 2024 में अजरबैजान में पकड़ा गया था.

 

झारखंड पुलिस की एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एक टीम उसे लाने के लिए 19 अगस्त को रांची से रवाना होगी. जिसके बाद उसे प्रत्यर्पण संधि के तहत 23 अगस्त को रांची लाया जाएगा. सुनील मीणा को भारत को सौंपने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. झारखंड पुलिस ने सुनील मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था.

 

वीजा चेकिंग अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया था

 

सुनील मीणा को अजरबैजान में तब पकड़ा गया जब वह अपने वीजा को रिन्यूअल कराने में देरी कर गया था. वीजा चेकिंग अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया और तब से वह अजरबैजान के एक डिटेंशन सेंटर में हैं. सुनील मीणा राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का रहने वाला है और वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सबसे विश्वसनीय सदस्यों में से एक है.

 

हत्या, रंगदारी और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है

 

सुनील मीणा पहले काम के लिए मलेशिया गया था, जहां वह रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया. मलेशिया से ही उसने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया था. उस पर लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर राजस्थान और पंजाब में हत्या, रंगदारी और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है.

 

मंत्री गोविंद राम मेघवाल से रंगदारी मांगकर चर्चा में आया था

 

सुनील मीणा पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उसने राजस्थान के तत्कालीन राहत एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल से रंगदारी मांगी थी. उसने राजस्थान के एक पेट्रोल पंप मालिक से भी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी, और जब उसने पैसे देने से इनकार किया तो सुनील ने उस पर फायरिंग करवा दी थी.

 

 

यूएसए से गिरोह के लिए भर्ती कर रहा था

 

जांच से पता चला है कि पासपोर्ट रद्द होने के बाद, सुनील मीणा डंकी रूट (अवैध तरीके से विदेश जाने का रास्ता) के जरिए सिंगापुर, ईरान और मेक्सिको होते हुए यूएसए पहुंच गया था.ऐसा कहा जाता है कि वह वहीं से अमन साहू गिरोह के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के आपराधिक गिरोहों से सदस्यों की भर्ती कर रहा था.इसके अलावा, वह मयंक सिंह के साथ मिलकर झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ में कोयला और परिवहन कंपनियों से रंगदारी वसूलने की योजना भी बना रहा था.

 

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