LagatarDesk : रुस-यूक्रेन युद्ध के कारण देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का आईपीओ टल गया था. लेकिन एक बार इसके आईपीओ को लेकर कवायद शुरू हो गयी है. रिपोर्ट्स की मानें तो अप्रैल माह के अंत तक सरकार आईपीओ मार्केट में लॉन्च हो सकती है. वहीं एलआईसी द्वारा 13 अप्रैल को सेबी के पास अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोसपेक्टस (UDRHP) फाइल कर सकती है.
मंत्रियों के पैनल ने अप्रैल के आखिरी तक आईपीओ लाने का दिया सुझाव
दरअसल एलआईसी के आईपीओ से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने मंत्रियों के पैनल को इसी महीने के आखिर तक आईपीओ को लाने का सुझाव दिया है. मंत्रियों के इस पैनल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं.
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जल्द आईपीओ लॉन्च करने को लेकर मिल सकती है हरी झंडी
माना जा रहा है कि मंत्रियों का यह पैनल जल्द ही आईपीओ पर अपना फैसला ले सकता है. साथ ही आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी करने को हरी झंडी दिखा सकता है. केंद्र सरकार ने एलआईसी आईपीओ के मर्चेंट बैंकर्स से बड़े और एंकर इवेस्टर्स से एलआईसी के वैल्युएशन पर फीडबैक लेने का कहा था. ऐसा माना जा रहा है इसी सप्ताह मर्चेंट बैंकर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे.
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मार्च में ही आने वाला था आईपीओ
बता दें कि निवेशक एअलआईसी के आईपीओ का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. सरकार एलआईसी का आईपीओ मार्च में ही लाने वाली थी. लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे विवाद की वजह से सरकार ने अपने फैसले को थोड़ा टाल दिया था. हालांकि अब यूक्रेन और रूस के बीच स्थिति पहले से थोड़ी ठीक है. ऐसे में सरकार जल्द एलआईसी के आईपीओ को लाने की कवायद कर रही है.
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एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
बता दें कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसदी है. आईपीओ के जरिये सरकार अपनी 5 फीसदी हिसेसेदारी बेचकर 63000 करोड़ जुटायेगी. माना जा रहा है कि यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. जिसके बाद एलआईसी की मार्केट वैल्यू रिलायंस और टीसीएस जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगी.
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विनिवेश से 78 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य
मालूम हो कि सरकार ने पहले वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ जुटाने का अनुमान लगाया था. लेकिन बाद में इसमें संशोधन किया गया और विनिवेश से 78 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया. एलआईसी के आईपीओ से 63 हजार करोड़ जुटाने की उम्मीद थी.
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