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फिल्म फेस्टिवल में फीचर फिल्म दहलीज को मिला पहला पुरस्कार

  • 6 शॉर्ट फिल्में, 2 डॉक्यूमेंट्री और 2 एआई फिल्मों ने बटोरीं वाहवाही

Ranchi :  रचनात्मकता, तकनीक और बिजनेस मॉडल को एक मंच पर लाने वाला मेरा टीवी फिल्म फेस्टिवल रांची के ऑड्रे हाउस में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर छऊ नृत्य पर आधारित विवेक उपाध्याय की डॉक्यूमेंट्री ‘चैत्र पर्व–द छऊ महोत्सव’ की स्क्रीनिंग से हुई, जिसने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया.

 

फिल्म फेस्टिवल में Producer Bazaar के संस्थापक आनंद सांगा के साथ संवाद सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने फिल्म कंटेंट के मॉनिटाइजेशन, लाइसेंसिंग
और आधुनिक बिजनेस मॉडल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर फिल्मकारों को मार्गदर्शन दिया.

 

इसके बाद YurMe के संस्थापक अभिषेक कुमार ने अपने AI-संचालित मीडिया-एंड-एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म किस तरह क्रिएटिव टैलेंट को नए अवसरों से जोड़कर फिल्म उद्योग के लिए एक नया इकोसिस्टम तैयार कर रहा है. 

 

फेस्टिवल में 6 शॉर्ट फिल्म,  2 डॉक्यूमेंट्री और 2 एआई फिल्मों ने दर्शकों का दिल जीत लिया. फीचर फिल्म ‘दहलीज’ को पहला पुरस्कार मिला.

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बॉलीवुड की नकल में अपनी जड़ें न भूलें :  दशरथ हांसदा

फेस्टिवल के दौरान झारखंड की फिल्म इंडस्ट्री को गति देने पर महत्वपूर्ण पैनल चर्चा हुई, जिसमें संथाली सिनेमा के वरिष्ठ फिल्मकार दशरथ हांसदा, बंगाली फिल्मकार तथागत भट्टाचार्जी, शिक्षाविद डॉ. नेहा तिवारी, स्क्रीन राइटर दाऊद शेख और ‘ह्यूमन इन लूप’ के निर्माता बीजू टोप्पो शामिल हुए.

 

पैनलिस्टों ने कहा कि झारखंड की मिट्टी की कहानियों में वैश्विक स्तर तक पहुंचने की अपार क्षमता है. यदि इन्हें संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया जाए तो सफलता निश्चित है.  फिल्मकार दशरथ हांसदा ने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा को बॉलीवुड की नकल में अपनी जड़ें नहीं भूलनी चाहिए.  स्थानीय भाषा, संस्कृति और परंपरा ही हमारी असली ताकत है.

 

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