Ranchi : झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए Delhi School Education (Transparency in Fixation and Regulation of Fees) Ordinance, 2025 का स्वागत करते हुए झारखंड सरकार से भी निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए सशक्त, पारदर्शी और जवाबदेह कानून बनाने की मांग की है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश लाखों अभिभावकों को राहत देगा. झारखंड में भी निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली वर्षों से एक गंभीर समस्या रही है. अब समय आ गया है कि राज्य सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे और दिल्ली की तर्ज पर कठोर कानूनी व्यवस्था लागू करे.
प्रमुख मांगें
तीन-स्तरीय फीस नियामक तंत्र – स्कूल, जिला और राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया जाए, जिनमें अभिभावकों के प्रतिनिधि भी हों.
बिना अनुमति बढ़ाई गई फीस को अवैध घोषित किया जाए – सभी फीस वृद्धि शिक्षा विभाग की पूर्व स्वीकृति से ही मान्य हो.
दंडात्मक प्रावधान लागू हों – मनमानी वसूली पर जुर्माना, मान्यता रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
खर्च और आय का सार्वजनिक ब्यौरा अनिवार्य हो – सभी निजी स्कूलों को वार्षिक रिपोर्ट सार्वजनिक करने की बाध्यता हो.
फीस विवाद समाधान के लिए अपीलीय तंत्र बने – जिला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाए.
चेतावनी: आंदोलन की तैयारी : एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि अगर सरकार जल्द कदम नहीं उठाती है तो वह राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा. इसके तहत मॉनसून सत्र में विधायकों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपकर सरकार पर जनदबाव बनाया जाएगा.
यहां बता दें कि दिल्ली सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से निजी स्कूल फीस नियंत्रण अध्यादेश लागू किया है, जिसमें बिना स्वीकृति फीस बढ़ाने पर जुर्माना, शुल्क वापसी और अभिभावक प्रतिनिधियों वाली समितियों की भागीदारी जैसे प्रावधान शामिल हैं. इसे एक जन-हितैषी और जवाबदेह मॉडल माना जा रहा है, जिसे झारखंड जैसे राज्यों में भी अपनाया जा सकता है - बशर्ते सरकार इच्छाशक्ति दिखाए.