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पहले चरण की सीबीआई जांच में नीबू पहाड़ पर 100 करोड़ के अवैध खनन की पुष्टि

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  • सीबीआई ने तीन लोगों के अवैध खनन में शामिल होने के वैज्ञानिक सबूत जुटाये हैं.
  • सीबीआई का आकलन साहिबगंज के सिर्फ एक पहाड़ पर हुए अवैध पत्थर खनन का है.
  • भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में भी अवैध खनन का उल्लेख.

Ranchi : सीबीआई द्वारा जारी जांच के दौरान नीबू पहाड़ पर 100 करोड़ रुपये के अवैध खनन की पुष्टि हुई है. इस अवैध खनन में तीन लोगों शामिल है. इसमें पवित्र यादव, विष्णु यादव और अमित यादव का नाम शामिल है. पवित्र याद और विष्णु यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा अवैध खनन के मामले में आरोप पत्र (Prosecution Complain) दायर किया चुका है.

 

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने विजय हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद अवैध खनन मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. न्यायालय के आदेश के आलोक में सीबीआई ने पहले PE दर्ज कर प्रारंभिक जांच की. प्रारंभिक जांच के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर नियमित प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके साथ ही अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच को रोकने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू हुई. 

 

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने जांच जारी रखने की अनुमति तो दी थी लेकिन आरोप पत्र दायर करने पर पाबंदी लगा रखी थी. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी. इसके बाद से सीबीआई ने जांच की गति तेज कर दी है. साथ ही अवैध खनन करने वालों के अलावा इसे संरक्षण देने वालो को भी जांच के दायरे में शामिल किया है.

 

 

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच जारी रखने की अनुमति के आलोक में पहले चरण में नीबू पहाड़ पर अवैध खनन के आरोपों की जांच की. स्थल निरीक्षण के दौरान अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद सीबीआई ने अवैध खनन की पुष्टि और अवैध खनन के सहारे निकाले गये पत्थरों का बाजार दर पर मूल्यांकन करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लिया. 

 

नीबू पहाड़ पर पहले चरण की जांच के दौरान सीबीआई ने तीन लोगों के अवैध खनन में शामिल होने के वैज्ञानिक सबूत जुटाये हैं. इसके लिए खनन में इस्तेमाल किये जाने वाली मशीनों के लोकेशन का पता लगाया गया. इसमें  विष्णु यादव, पवित्र यादव और अमित यादव से जुड़े उपकरणों का लोकेशन नीबू पहाड़ के पास मिला. इसके बाद वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करते हुए अवैध खनन वाले क्षेत्र की गणना की गयी और वहां से निकाले गये पत्थरों की कीमत का आकलन किया गया. सीबीआई ने वैज्ञानिक तरीके से की गयी जांच के दौरान नीबू पहाड़ पर किये गये अवैध खनन में निकाले गये पत्थरों का की कीमत 100 करोड़ रुपये आंकी है. इस मामले में अभी आगे की जांच जारी है.

 

उल्लेखनीय है विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश की गयी भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में अवैध खनन का उल्लेख किया गया है. CAG ने अवैध खनन की जांच के लिए उन छह जिलों के कुछ पत्थर खदानों को नमूना के तौर पर चुना था, जिन जिलों से सरकार के लघु खनिजों से सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है. CAG द्वारा नमूना जांच के लिए चुने गये जिलों में चाईबासा, चतरा, पाकुड़, धनबाद, पलामू और साहिबगंज का नाम शामिल है. CAG ने इन छह जिलों के कुछ ही वैध लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र से बाहर जाकर किये गये अवैध खनन में निकाले गये पत्थर खादानों के लिए लीजधारकों से 205 करोड़ रुपये का दंड निर्धारित किया है. 

 

सीबीआई द्वारा साहिबगंज जिले के सिर्फ एक पहाड़ पर तीन लोगों द्वारा 100 करोड़ रुपये का पत्थर अवैध तरीके से निकाले जाने की पुष्टी की गयी है. अवैध खनन की सीबीआई जांच अभी जारी है. सिर्फ एक पहाड़ पर तीन लोगों द्वारा 2019-2022 तक की अवधि में किये गये100 करोड़ रुपये के अवैध खनन के आलोक में जिले में हुए अवैध खनन की व्यापकता का अनुमान किया जा सकता है.

 

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