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निलंबित IAS विनय चौबे पर 6 माह में पांच केस दर्ज, 4 करप्शन, एक ठगी का, जेल से रिहाई मुश्किल

Ranchi : निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उनके विरुद्ध छह महीने के भीतर एक-एक कर पांच प्राथमिकियां दर्ज की हैं, जिससे उन पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है. चौबे, जो 20 मई को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए थे, तब से अब तक जेल से बाहर नहीं आ पाए हैं. वर्तमान में वह जमीन घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन नई-नई प्राथमिकियों के कारण उनकी हाल के दिनों रिहाई की संभावनाएं कम होती जा रही हैं.

शराब घोटाला : प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन किया और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया 

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव रहते हुए नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन किया और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया. इस गड़बड़ी से झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. विनय चौबे को पूर्व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अन्य 10 आरोपी 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत पर रिहा हो गए थे. लेकिन, इसी अवधि में चौबे को दूसरी एफआईआर में गिरफ्तार दिखाया गया, जिसके कारण वह न्यायिक हिरासत में ही हैं.

 

खासमहाल जमीन घोटाला: 2.75 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से 23 निजी व्यक्तियों के नाम पर निबंधित किया गया 

हजारीबाग खासमहल जमीन घोटाला मामले में अगस्त 2025 के पहले सप्ताह में एसीबी हजारीबाग थाने में मामला दर्ज हुआ है. यह मामला साल 2008 से 2010 के बीच का है, जब विनय कुमार चौबे हजारीबाग के डीसी थे. उन्होंने एक आपराधिक साजिश के तहत हजारीबाग के बहुचर्चित खासमहल की 2.75 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से 23 निजी व्यक्तियों के नाम पर निबंधित कराया. जांच में पता चला कि चौबे ने अपने सहयोगी अधिकारी, रिश्तेदार और करीबी व्यवसायी विनय कुमार सिंह के साथ मिलकर अवैध जमाबंदी व खरीद-बिक्री करवाई थी. इस मामले में विनय चौबे के अलावा, तत्कालीन खासमहल अधिकारी और कारोबारी भी गिरफ्तार हो चुके हैं.

 

हजारीबाग वन भूमि घोटाला: षड्यंत्र रचकर वन भूमि की अवैध रजिस्ट्री करवाई 

इस मामले को लेकर सितंबर 2025 को एसीबी हजारीबाग थाने में मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त विनय चौबे और उनके करीबी नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंह व उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर वन भूमि की अवैध रजिस्ट्री करवाई थी. हजारीबाग जिले के सदर अंचल के बभनवे मौजा में खाता संख्या 95 के तीन प्लॉट पर 28 डिसमिल और खाता संख्या 73 के एक प्लॉट पर 72 डिसमिल वन भूमि की जमीन की रजिस्ट्री वर्ष 2010 में करवाई गई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद चौबे को इस मामले में भी गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है.

 

विनय चौबे समेत अन्य पर आय से अधिक संपत्ति का मामला 

इस मामले को लेकर 24 नवंबर 2025 को एसीबी रांची थाना में मामला दर्ज हुआ है. निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, उनके पारिवारिक सदस्यों और सहयोगियों के विरुद्ध आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है. एसीबी अब इस मामले में भी चौबे को गिरफ्तार करेगी.

 

धोखाधड़ी और कंपनी हड़पने का केस

इस मामले को लेकर जगन्नाथपुर थाने में मामला दर्ज हुआ है. निलंबित आईएएस विनय चौबे और उनके करीबी व्यवसायी विनय सिंह सहित कुल सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और एक कंपनी को हड़पने का केस दर्ज हुआ है. इस मामले में विनय चौबे, विनय सिंह, स्निग्धा सिंह (विनय सिंह की पत्नी), अरविंद वर्मा, विशाल सिंह, राजेश कुमार सिन्हा और राजीव कुमार झा को आरोपी बनाया गया है. अरगोड़ा के दीपक कुमार ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि विनय चौबे और विनय सिंह ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर उनकी कंपनी पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजवा दिया था.

 

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