Patna : बिहार में बाढ़ की स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है. गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक समेत कई नदियों के जलस्तर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे राज्य के नौ जिलों (पटना, बक्सर, वैशाली, समस्तीपुर, मुंगेर, बेगूसराय, कटिहार, भागलपुर और खगड़िया) में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. जल स्तर में बढ़ोतरी के चलते फरक्का बराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे नदियों का प्रवाह तेज हो गया है और निचले इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.
गंगा समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
बक्सर में गंगा का जलस्तर सामान्य से 6 मीटर ऊपर बह रहा है, जबकि पटना में यह खतरे के निशान से 2 मीटर अधिक है. फरक्का में गंगा खतरे के स्तर से 20 सेमी ऊपर है. हालात की गंभीरता को देखते हुए तटबंधों पर अतिरिक्त निगरानी बढ़ा दी गई है. लगभग 600 सुरक्षाकर्मी और 45 इंजीनियरों को निगरानी के लिए तैनात किया गया है. साथ ही रात में गश्ति भी तेज कर दी गई है.
कई गांवों में घुसा पानी, कृषि को भारी नुकसान
पूर्वी बिहार के इलाकों में गंगा, कोसी, बरंडी और कारी कोसी नदियों के तेज बहाव से कई गांव पानी में डूब चुके हैं. सबौर, कहलगांव और पीरपैंती क्षेत्रों में गंगा के कटाव से बड़ी मात्रा में कृषि भूमि नष्ट हो रही है. खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक का जलस्तर बीते 24 घंटों में क्रमश 40 सेमी और 25 सेमी बढ़ा है. हालांकि सुपौल में कोसी के जलस्तर में थोड़ी कमी आई है. लेकिन महानंदा नदी अब भी चेतावनी के स्तर से ऊपर बह रही है.
राहत कार्य जारी, दियारा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित
पटना, बक्सर, मुंगेर और भागलपुर के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने से हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं. जिन्हें सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं. राज्य सरकार ने सभी प्रभावित जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है.
नेपाल में भारी बारिश और बराज से छोड़ा गया पानी के कारण बाढ़ की स्थिति
नेपाल और सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश तथा बराजों से छोड़े गए पानी के कारण बिहार की प्रमुख नदियां उफान पर हैं. पुनपुन और दरधा जैसी नदियों के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है. जल संसाधन विभाग के अनुसार, इस बार जुलाई के पहले ही सप्ताह में गंगा का जलस्तर अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है, जिससे पिछले 15 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है.
खरीफ फसलें खराब, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
बाढ़ का सीधा असर कृषि पर भी पड़ा है. खरीफ फसलें बड़े पैमाने पर बर्बाद हो रही हैं. भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय का बीज उत्पादन केंद्र भी बाढ़ की चपेट में आ गया है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.
सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
सरकार ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है. प्रशासन ने प्रभावित जिलों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं. किसी भी आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2210118 जारी किया गया है.
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