NewDelhi : पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्युमेंट्री से जुड़े विवाद पर सरकार का पक्ष लेने वाले कांग्रेस नेता अनिल के एंटनी ने पार्टी छोड़ने की घोषणा है. अनिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे है. उन्होंने पार्टी छोड़ने की जानकारी बुधवार को ट्वीट कर दी है. बता दें कि अनिल ने पीएम नरेंद्र मोदी को केंद्र में रखकर बनी डॉक्युमेंट्री को बैन करने के फैसले का समर्थन किया था.
AK Antony’s son quits Congress, cites “intolerant calls to retract tweet” on BBC documentary on PM Modi
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— ANI Digital (@ani_digital) January 25, 2023
A lot of things that happened in the last 24 hours, especially from certain corners of Congress have hurt me a lot. After my tweet, I was getting threat calls and hate messages all through the night: Anil K Antony, Digital communications, Kerala Congress on his resignation pic.twitter.com/TEhMbnuCVG
— ANI (@ANI) January 25, 2023
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बोलने की आजादी के लिए लड़ने वालों द्वारा ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल
उन्होंने ट्वीट किया, मैंने कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है. बोलने की आजादी के लिए लड़ने वालों द्वारा एक ट्वीट को वापस लेने के लिए असहिष्णु कॉल, मैंने इनकार कर दिया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रुख से अलग राय जताते हुए अनिल एंटनी ने ट्वीट में लिखा, ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना, देश की संप्रभुता को कमजोर करेगा.
उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर अपने त्याग पत्र का एक हिस्सा पोस्ट किया
उन्होंने कहा कि उन्हें वृत्तचित्र के खिलाफ किये अपने ट्वीट को वापस लेने के लिए कई असहिष्णु’फोन कॉल आ रहे हैं और इसी मुद्दे पर नफरत/अपशब्दों की फेसबुक वॉल के कारण उन्होंने यह फैसला किया. उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर अपने त्याग पत्र का एक हिस्सा पोस्ट किया.
उन्होंने कहा, कल से हो रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर मेरा मानना है कि मेरे लिए कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं– केपीसीसी (केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी) डिजिटल मीडिया के संयोजक और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) सोशल मीडिया एवं डिजिटल संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-समन्वयक को छोड़ना उचित होगा.
इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी
अनिल ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ तमाम मतभेदों के बावजूद उनका मानना है कि बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री एवं इराक युद्ध के पीछे के दिमाग जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है और इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी.
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