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RBI के पूर्व गवर्नर रंगराजन ने कहा, 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य असंभव

NewDelhi :  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचना असंभव है. सी रंगराजन ने आज शुक्रवार को आईसीएफएआई फाउंडेशन फोर हायर एजुकेशन के 11वें दीक्षांत समारोह में अपने विचाररखते हुए यह बात कही. उनका कहना था कि अगले पांच साल तक नौ प्रतिशत सालाना की जीडीपी वृद्धि दर हासिल करनी होगी, यदि इस लक्ष्य(5,000 अरब डॉलर) को पाना है. इसे भी पढ़ें : प्रशांत">https://lagatar.in/prashant-kishor-poured-cold-water-on-the-enthusiasm-of-congress-said-misunderstanding-expectation-of-return-after-lakhimpur-incident/">प्रशांत

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2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2,700 अरब डॉलर की थी

रंगराजन के अनुसार कुछ साल पहले तक यह उम्मीद थी कि भारत 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा, लेकिन अब यह असंभव है.कहा कि 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2,700 अरब डॉलर की थी. मार्च 2022 के अंत तक हम इसी स्तर पर रहेंगे. इसी क्रम में कहा कि 2,700 अरब डॉलर से 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए अर्थव्यवस्था को लगातार पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी. इसे भी पढ़ें :  लखीमपुर">https://lagatar.in/lakhimpur-khiri-violence-the-supreme-court-reprimanded-the-yogi-government-the-case-is-of-302-so-why-was-there-no-arrest/">लखीमपुर

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राजस्व में सुधार के साथ खर्च भी बढ़ाया सकता है

रंगराजन के विचार में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि सरकार की सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए. कहा कि यह कई सामाजिक आर्थिक समस्याओं का हल भी है. इक्विटी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सुधारों के जरिये ऊंची वृद्धि को समर्थन के बिना यह दूर की कौड़ी है. रंगराजन ने कहा, राजस्व में सुधार के साथ खर्च भी बढ़ाया सकता है, क्योंकि राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.8 प्रतिशत के बजट लक्ष्य से नीचे लाने की कोई जरूरत नहीं है.  उन्होंने कहा, भारत को पिछले दो साल के दौरान उत्पादन में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए तेज वृद्धि की जरूरत है. इसे भी पढ़ें :   RBI">https://lagatar.in/rbi-hikes-transaction-limit-customers-will-be-able-to-transfer-rs-5-lakh-in-a-day-instead-of-rs-2-lakh/">RBI

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 लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठहर गयी थीं

दीक्षांत समारोह में रंगराजन ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने का प्रयास किया जाना जरूरी है. यदि ऐसा होता है, तो टीकाकरण का दायरा बढ़ाने के साथ कुल बुनियादी ढांचा निवेश के तहत स्वास्थ्य ढांचे पर निवेश बढ़ाने की जरूरत होगी.  प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि  लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठहर गयी थीं. हालांकि उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद अब अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू किया है. [wpse_comments_template]

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