बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगरमी के बीच शनिवार को यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया. बंगाल चुनाव में उनकी क्या भूमिका रहेगी, यह फिलहाल तय नहीं है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती हैं. इसे भी पढ़ें : एडीआर">https://lagatar.in/adr-report-bjp-is-the-first-choice-of-defectors-45-mlas-who-changed-party-in-2016-2020-went-to-bjp/36955/">एडीआरKolkata: Former BJP leader Yashwant Sinha joins Trinamool Congress, ahead of West Bengal Assembly elections pic.twitter.com/K3s9TQNPlS
">https://t.co/K3s9TQNPlS">pic.twitter.com/K3s9TQNPlS
— ANI (@ANI) March">https://twitter.com/ANI/status/1370632351487692800?ref_src=twsrc%5Etfw">March
13, 2021
की रिपोर्ट : दलबदलुओं की पहली पसंद BJP, 2016-2020 में पार्टी बदलने वाले 45 फीसदी विधायक भाजपा में गये
टीएमसी को विशेष फायदा नहीं
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यशवंत सिन्हा के टीएमसी में जाने से पार्टी को कोई ज्यादा फायदा या नुकसान नहीं है. यशवंत सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने 1984 में प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. उन्हें 1988 में राज्यसभा का सदस्य भी चुना गया था. यशवंत सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कई अहम मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण लगातार भाजपा में दरकिनार रहे. इसे भी पढ़ें : आइकोर">https://lagatar.in/cbi-summons-education-minister-in-chit-fund-scam-and-ed-to-tmc-leader-madan-mitra-in-saradha-scam/36936/">आइकोरचिट फंड घोटाले में शिक्षा मंत्री को CBI ने और सारधा घोटाले में टीएमसी नेता मदन मित्र को ED को तलब किया

Leave a Comment