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गढ़वाः ITBP कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को लाल आतंक के सफाए के लिए सर्वश्रेष्ठ एंटी नक्सल अभियान ट्रॉफी

Garhwa : झारखंड के गढ़वा जिला निवासी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को छत्तीसगढ़ में लाल आतंक के सफाए के लिए प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ नक्सल विरोधी बटालियन ट्रॉफी से सम्मानित किया गया है. छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र  मानपुर में तैनात कमांडेंट पांडेय की 27वीं बटालियन को यह सम्मान ITBP के डीजी प्रवीण कुमार ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में ITBP के स्थापना दिवस समारोह में प्रदान किया. डीजी ने यूनिट के उत्कृष्ट अभियान कौशल और प्रदर्शन की सराहना की.


गढ़वा के बेटे ने किया गौरवपूर्ण प्रदर्शन


गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र के ऊंचरी ग्राम निवासी कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय स्वर्गीय रामनाथ पांडेय के पुत्र हैं. पत्रकारिता और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. वे वर्ष 2003 से ITBP में सेवारत हैं. इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड, नई दिल्ली, केरल व छत्तीसगढ़ में तैनात रहे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सुदूर ग्रामीण इलाके के सरकारी स्कूलों और उच्च शिक्षा रांची विश्वविद्यालय से हुई. वे पहले एसएससी, फिर यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बने. फोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उनकी यह उपलब्धि न केवल ITBP के लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय है. कमांडेंट विवेक को वर्ष 2007 में असम में उल्फा के विरुद्ध बहादुरी अभियानों के लिए सेनाध्यक्ष के प्रशंसा डिस्क से भी सम्मानित किया जा चुका है.

 
छत्तीसगढ़ में निर्णायक नक्सल-रोधी कार्रवाई


मोहला-मानपुर के चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में 2023 में कमांडेंट के रूप में तैनाती के बाद कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय ने गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और कांकेर की सीमाओं के निकट कई बड़े रणनीतिक अभियान चलाए. उनकी बटालियन ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसे केंद्र सरकार के मार्च 2026 तक नक्सल आतंक को समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


ऑपरेशनल सफलता के मुख्य बिंदु


• छत्तीसगढ़ में अगस्त 2025 में उनकी बटालियन ने एक महत्वपूर्ण मुठभेड़ में दो नक्सल कमांडरों को मार गिराया. इनमें राज्य जोनल समिति सदस्य विजय रेड्डी और राजनांदगांव कांकेर बॉर्डर (RKB) डिवीजन सचिव लोकेश सलामे शामिल थे.


• शीर्ष कमांडरों का आत्मसमर्पण/गिरफ्तारी: दो बड़े कमांडरों के मारे जाने के अलावा बटालियन ने कुल नौ अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं (चार DVCM और पांच ACM) को आत्मसमर्पण करवाने में सफलता प्राप्त की. दर्ज़नों नक्सली समर्थकों को गिरफ्तार किया, जिससे क्षेत्र में वामपंथ उग्रवाद का लगभग सफाया हो गया है.

 
लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन ध्वस्त: छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ कमांडेंट विवेक की आईटीबीपी बटालियन द्वारा मिलकर की गई आक्रामक कार्रवाइयों ने नक्सलियों की लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला को पूर्णतया ध्वस्त कर दिया है. यह वही क्षेत्र है जहां जुलाई 2009 में कोरकुट्टी मुठभेड़ में तत्कालीन राजनंदगांव के एसपी वीके चौबे और 28 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी थी.
सुरक्षा के साथ-साथ 'सेवा' भी


स्वास्थ्य सेवा: बटालियन ने एक फील्ड अस्पताल और क्षेत्र का पहला पशु चिकित्सा फील्ड अस्पताल स्थापित किया. इसने लगभग 35 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जनजातीय गांवों के 6,000 से अधिक ग्रामीणों और उनके हजारों पालतू पशुओं को चिकित्सीय देखभाल प्रदान की.


युवा सशक्तिकरण: कमांडेंट पांडेय ने स्वयं पहल करके औंधी क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी युवाओं के लिए एक करियर परामर्श और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया, जिसमें उन्हें SSC और छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल जैसी सरकारी भर्ती परीक्षाओं को पास करने के लिए सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया.

• मई 2025 में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आईटीबीपी के सीतागांव कंपनी ऑपरेटिंग बेस का दौरा कर 27वीं बटालियन और कमांडेंट विवेक की सुरक्षा और सतत विकास दोनों को बढ़ावा देने में मिली सफलता की सराहना की थी.


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