LagatarDesk : एशिया के सबसे रईस इंसान और उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) अब टेलीकॉम सेक्टर (Telecom sector) में एंट्री करने की तैयारी कर रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो अडानी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेंगे, जो इस महीने के अंत में होने वाला है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अडानी ने 5G स्पेक्ट्रम में दांव लगाने के लिए आवेदन भी किया है. हालांकि इसको लेकर अडानी ग्रुप ने ऑफिशियली अनाउंस नहीं किया है. (पढ़ें, आज पीएम मोदी से मिलेंगे एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस, मंत्रिमंडल विस्तार के फार्मूले पर चर्चा संभव)
जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने भी भरा आवेदन
5जी स्पेक्ट्रम की निलामी में अन्य कई कंपनियां हिस्सा लेंगे. सूत्रों की मानें तो टेलीकॉम सेक्टर की तीन निजी कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने भी नीलामी के लिए आवेदन किया है. इन कंपनियों ने भी अब तक इसको लेकर ऑफिशियली अनाउंस नहीं किया है. ऐसे में अगर अडानी टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री करते हैं तो उनका सीधा मुकाबला मुकेश अंबानी (Mukesh ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio) और सुनील भारती मित्तल की एयरटेल (Airtel) से होगा.
26 जुलाई को होगी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी
गौरतलब है कि 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 8 जुलाई तक थी. सरकार 12 जुलाई को बोली लगाने वाले नामों की लिस्ट जारी करेगी. फिर 26 जुलाई को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी. जिसमें 4.3 लाख करोड़ के कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जायेगी.
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15 जून को कैबिनट ने दी थी नीलामी को मंजूरी
मालूम हो कि 15 जून को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें केंद्रीय कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी थी. लो, मीडियम और हाई फ्रिक्वेंसी बैंड के स्पेक्ट्रम की निलामी अगले 20 साल के लिए होगी. भारत में 5जी सर्विस शुरू होने से इंटरनेट की स्पीड बढ़ जायेगी. यह मौजूदा 4G सर्विस से 10 गुना ज्यादा तेज होगी. 5जी सर्विस कब से शुरू होगी इसकी तारीख तय नहीं की गयी है. लेकिन सरकार के मेंडेट के हिसाब से जो भी कंपनी स्पैक्ट्रम खरीदेगी उसको 6 महीने से 1 साल के अंदर सर्विस शुरू करनी होगी.
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बोली लगाने वाली कंपनियों में शर्तों में दी जायेगी ढील
बता दें कि स्पेक्ट्रम के लिए कई कंपनियां बोली लगायेंगी. हालांकि इस बार बोली लगाने वालों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कुछ शर्तों में ढील दी जायेगी. इस बार सफल बोलीदाताओं को एडवांस पेमेंट करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा वे स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान भी 20 समान किस्तों में कर सकते हैं. यही नहीं बोलीदाताओं को 10 सालों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प भी दिया जायेगा.
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