Ranchi: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने सुनील तिवारी को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने से सुनील तिवारी को बड़ा झटका लगा है. अब उम्मीद जतायी जा रही है कि अपनी अग्रिम जमानत के लिए सुनील तिवारी झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.
बता दें कि सुनवाई रांची सिविल कोर्ट के न्यायायुक्त 7 विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में हुई थी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट बताया था कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. वही अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ने अदालत को बताया था कि सुनील तिवारी पर जो आरोप लगे हैं. वह काफी गंभीर हैं, इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए .अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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अदालत ने सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है
यौन शोषण और दुष्कर्म के आरोपों से घिरे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. पिछली सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी के द्वारा कोर्ट से वारंट प्राप्त कर लिया गया है. अदालत के द्वारा सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया है. जिसके बाद उनकी मुश्किल बढ़ गई हैं. रांची सिविल कोर्ट के अपर आयुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत से सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी हुआ है. सुनील तिवारी के खिलाफ अरगोड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है.
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सुनील तिवारी पर युवती ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं
बता दें कि सुनील तिवारी पर उनके यहां काम करने वाली एक युवती ने दुष्कर्म एवं यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले में युवती के द्वारा अरगोड़ा थाने में कांड संख्या 229/ 2021 दर्ज कराया गया है. जिसकी जांच रांची पुलिस कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान भी दर्ज हो चुका है. आये दिन इस प्रकरण में नए मोड़ सामने आ रहे हैं. युवती के परिजनों के द्वारा इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में हेवियस कोरपस भी दायर की गई है. इतना ही नहीं इस प्रकरण के सामने आने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई तरह की बयानबाजी भी हुई है.
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