इंजीनियर नियुक्ति मामला, हाईकोर्ट ने दूसरी बेंच में हस्तांतरित किया मामला
एक साल बाद भी सरकार नहीं दे रही मांगों पर ध्यान
डॉक्टरों का कहना है कि एक वर्ष पूर्व भी हड़ताल किया गया था उस समय सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा. लेकिन एक साल बाद भी सरकार हमारी मांगों पर कुछ भी नहीं कर रही है. ऐसे में सांकेतिक हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.ये हैं डॉक्टरों की मुख्य मांगें
• पड़ोसी राज्य बिहार की तरह समान काम समान वेतन की तर्ज पर एनएचएम में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों के समतुल्य मानदेय दिया जाए. • प्रतिवर्ष 10 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर किया जाए. • सेवानिवृत्ति उम्र 67 वर्ष किया जाए. • सभी आयुष चिकित्सकों के स्थाई रिक्त पदों पर बिना शर्त सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया को अपनाते हुए समायोजन किया जाए. • नियमित चिकित्सकों की तरह आयुष चिकित्सकों को भी अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए. • इपीएफ एवं सेवा पुस्तिका खोलने पर सरकार विचार करें. • 50 लाख का बीमा तथा कोरोना योद्धा के रूप में पंजीकृत करने पर सरकार विचार करें. • सभी स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष चिकित्सकों की अलग ओपीडी की भी व्यवस्था हो. इसे भी पढ़ें -रूपा">https://lagatar.in/mla-deepikas-outspoken-words-on-roopa-tirkey-case-pankaj-mishra/85159/">रूपातिर्की और पंकज मिश्रा मामले पर विधायक दीपिका के बेबाक बोल, कहा- आरोप लगने पर व्यक्ति को संयमित रहना चाहिए [wpse_comments_template]

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