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गोंदलपुरा कोल प्रोजेक्ट झारखंड के पर्यावरण के लिए घातक, भाकपा माले ने नीलामी रद्द कराने की मांग की

Ranchi : भाकपा (माले) ने हजारीबाग में प्रस्तावित अडाणी गोंदलपुरा कोल प्रोजेक्ट को राज्य के पर्यावरण और स्थानीय जनजीवन के लिए घातक करार देते हुए इस परियोजना को तुरंत रद्द कराने की मांग की है. पार्टी ने आरोप लगाया कि यह परियोजना कॉरपोरेट स्वार्थ की पूर्ति के लिए बनाई जा रही है, जिसका सबसे बड़ा नुकसान झारखंड की प्राकृतिक संपदा और आदिवासी ग्रामीणों को झेलना पड़ेगा.

 

वनभूमि और नदियों के नष्ट होने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ेगा

भाकपा माले राज्य कमिटी के नेता मनोज भक्त ने बयान जारी कर कहा कि गोंदलपुरा कोल ब्लॉक के लिए प्रस्तावित 1060 एकड़ अधिग्रहण क्षेत्र में से लगभग आधी जमीन वनभूमि है, जिसमें कई नदियां और जलस्रोत भी शामिल हैं.

 

उन्होंने कहा कि अगर इस क्षेत्र में कोयला खनन शुरू हुआ तो उत्तरी छोटानागपुर का पर्यावरण संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाएगा और झारखंड की पारिस्थितिकी को गंभीर नुकसान पहुंचेगा. यह परियोजना अडाणी समूह के कॉरपोरेट हितों को साधने के लिए बनाई गई है. इसके चलते झारखंड को पर्यावरणीय विनाश और विस्थापन की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

 

गांवों के 2000 परिवार होंगे विस्थापित

मनोज भक्त ने बताया कि परियोजना क्षेत्र के हाहे, फूलांग, बालोदर, गाली और गोंदलपुरा गांवों के लगभग 2000 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. पार्टी ने आरोप लगाया कि जबरन भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार और कंपनी द्वारा वन कानूनों, ग्रामसभा के अधिकारों और संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है. स्थानीय लोगों पर दबाव बनाने के लिए दलालों और बाहरी तत्वों का सहारा लिया जा रहा है.


हेमंत सरकार अपनी चुप्पी तोड़े

माले ने मांग की है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गोंदलपुरा कोल ब्लॉक की नीलामी को रद्द करवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं और राज्य की जनता के प्रति अपनी स्पष्ट पक्षधरता दिखाएं. पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार चुप रही तो भाकपा माले आंदोलनरत ग्रामीणों के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी.

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