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अलविदा... पर अंत नहीं...रोहन बोपन्ना ने टेनिस से लिया संन्यास

Lagatar Desk :  भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने शनिवार को टेनिस से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. करीब 20 साल लंबे शानदार करियर के बाद उन्होंने टेनिस को अलविदा कह दिया. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर इमोशनल नोट लिखा है.

 

अलविदा....लेकिन अंत नहीं

बोपन्ना ने कहा कि अलविदा...लेकिन यह अंत नहीं है.  आगे लिखा कि आप किसी ऐसी चीज को कैसे अलविदा कहें, जिसने आपके जीवन को अर्थ दिया? टूर पर 20 अविस्मरणीय सालों के बाद अब समय आ गया है कि मैं अपना रैकेट टांग दूं. 

 

टेनिस प्लेयर ने आगे लिखा कि यह लिखते हुए, मेरा दिल भारी और आभारी दोनों महसूस कर रहा है. भारत के एक छोटे से शहर कुर्ग से अपनी यात्रा शुरू करना, अपनी सेवा मजबूत करने के लिए लकड़ी के टुकड़े काटना, सहनशक्ति बढ़ाने के लिए कॉफी बागानों में दौड़ना और टूटे हुए कोर्ट पर सपनों का पीछा करना, दुनिया के सबसे बड़े अखाड़ों की रोशनी में खड़ा होना, यह सब अवास्तविक लगता है.

 

टेनिस मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं रहा है, इसने मुझे तब उद्देश्य दिया जब मैं खो गया था, ताकत दी, जब मैं टूट गया था और विश्वास दिया जब दुनिया ने मुझ पर शक किया. हर बार जब मैं कोर्ट पर उतरा, तो इसने मुझे दृढ़ता, उठने का लचीलापन, फिर से लड़ने का हौसला सिखाया. जब मेरे अंदर सब कुछ कह रहा था कि मैं नहीं कर सकता और सबसे बढ़कर, मुझे याद दिलाया कि मैंने शुरुआत क्यों की और मैं कौन हूं.

 

 

बोपन्ना का शानदार करियर

- 45 वर्षीय बोपन्ना ने इस साल ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर इतिहास रचा और टेनिस के इतिहास में सबसे उम्रदराज नंबर-1 डबल्स खिलाड़ी बने.

- ओलंपिक (रियो 2016) में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां वे सानिया मिर्जा के साथ चौथे स्थान पर रहे.

- डेविस कप में भी 20 से ज्यादा वर्षों तक भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे.

 

टेनिस से जुड़ाव रहेगा जारी

संन्यास के बाद भी बोपन्ना टेनिस से दूर नहीं होंगे. उन्होंने हाल ही में UTR टेनिस प्रो को भारत में शुरू किया है और अपनी अकादमी के जरिए युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं.

 

आखिरी बार दिखेंगे टेनिस प्रीमियर लीग में

बोपन्ना अब टेनिस प्रीमियर लीग (TPL) के सातवें सीजन में नजर आएंगे, जो 9 से 14 दिसंबर तक अहमदाबाद के गुजरात यूनिवर्सिटी टेनिस स्टेडियम में खेला जाएगा. बोपन्ना ने आखिरी बार पेरिस मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में खेला था, जिसमें अलेक्जेंडर बुब्लिक उनका जोड़ीदार था. यह उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर रहा है.

 

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