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केंद्र सरकार ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की, हिंसा का सच जानने टीम पश्चिम बंगाल रवाना

गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को कहा था कि राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की सूरत में इसे गंभीरता से लिया जायेगा.

NewDelhi /Kolkata : पश्चिम बंगाल  विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हो रही हिंसा की खबरों को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है. बता दें कि पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त लहजे में ममता सरकार से बंगाल हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी और अब जानकारी मिली है कि उसने इसकी जांच के लिए एक टीम ही गठित कर दी है.   

पीटीआई के अनुसार गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी दी  कि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया.

जान लें कि गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को स्पष्ट कहा था कि राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजे जाने की सूरत में इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार से समय गंवाये बिना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने को  कहा गया है.   

केंद्र ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट


बुधवार को भेजे गये पत्र में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से कहा कि तीन मई को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट तलब की गयी थी। अधिकारियों के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी है. पत्र में कहा गया कि नवीनतम सूचना के अनुसार पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं नहीं रुकी हैं और इसका मतलब है कि राज्य सरकार ने इन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाये हैं।.

पत्र में कहा गया कि इसलिए बिना समय गवाएं इन घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.  तत्काल विस्तृत रिपार्ट गृह मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए। पत्र के अनुसार  यदि राज्य सरकार रिपोर्ट नहीं भेजती है तो इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा.

चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के 14 कार्यकर्ता मारे गये !

 
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को दावा किया है कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गये हैं और एक लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी उनकी भूमिका बताती है.

 बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की,  लेकिन रविवार को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.  भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों ने उसके कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमला किया, घरों में तोड़-फोड़ की और सदस्यों के दुकानों में लूटपाट एवं कार्यालय में आगजनी की.

  कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के अधीन थी : ममता


मुख्यमंत्री ने कहा कि  घटनाएं तब हुई जब कानून व्यवस्था निर्वाचन आयोग के अधीन थी. उन्होंने कहा, `पश्चिम बंगाल में गत तीन महीनों में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है. कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं और सभी वास्तविक नहीं हैं, उनमें अधिकतर फर्जी हैं.

भाजपा पुराने वीडियो दिखा रही है.  ममता बनर्जी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन इलाकों में हिंसा और झड़प हो रही है, वहां पर भाजपा चुनाव जीती है.  मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राज्य सचिवालय नबन्ना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बनर्जी ने कहा कि सोशल मीडिया पर हिंसा के जो वीडियो साझा किए जा रहे हैं उनमें से अधिकतर या तो फर्जी हैं या पुराने हैं.  

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