Ranchi : कड़ी ठंड और शीत लहर को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से नागरिकों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. इन निर्देशों का उद्देश्य शीत लहर के दौरान होने वाली गंभीर बीमारियों, विशेषकर हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी स्थितियों से लोगों को सुरक्षित रखना है.
मौसम पूर्वानुमान पर विशेष ध्यान दें और रेडियो, टीवी तथा समाचार पत्रों के माध्यम से सरकार द्वारा दी जा रही जानकारी का पालन करें. नागरिकों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, घर में उचित मात्रा में गर्माहट बनाए रखने और आपातकालीन वस्तुएं जैसे भोजन, पानी, ईंधन, टॉर्च और आवश्यक दवाइयां तैयार रखने की सलाह दी गई है.
शीतलहर के दौरान बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए जोखिम अधिक बताया गया है. इन्हें विशेष सावधानी बरतने और अत्यधिक ठंड में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है.
फ्रॉस्टबाइट और हाइपोथर्मिया के लक्षणों को पहचानने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की गई है. लक्षणों में त्वचा का सुन्न पड़ना, रंग बदलना, अत्यधिक ठंड लगना, बोलने में कठिनाई, सांस लेने में समस्या और बेहोशी जैसी स्थिति शामिल हो सकती है.
निर्देश में यह भी बताया गया है कि शीतलहर के समय जानवरों को भी घर के अंदर सुरक्षित रखना चाहिए ताकि उन्हें भी ठंड से बचाया जा सके. इसके अलावा नागरिकों से कहा गया है कि वे मौसम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दूसरों तक पहुंचाएं ताकि समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ सके.
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें, गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें, पोषक भोजन लें और अनावश्यक रूप से बाहर जाने से बचें ताकि शीत लहर के प्रभावों से स्वयं और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें.
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