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क्षेत्रीय पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले सरकार की अनुमति जरूरी

Ranchi :  राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रशासी विभाग की अनुमति जरूरी है. झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की गिरिडीह इकाई द्वारा उपायुक्त को दिये गये ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया गया है. साथ ही डुमरी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की गयी है. संघ की ओर से यह ज्ञापन पंचायत सेवक की आत्महत्या प्रकरण में दिया गया है.


संघ की ओर से उपायुक्त को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्व निबंधन एंव भूमि सुधार विभाग द्वारा छह अप्रैल 2018 को एक आदेश (1577) जारी किया गया था. इसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि क्षेत्रीय प्रशासी पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रशासी विभाग की अनुमति जरूरी है. लेकिन डुमरी प्रखंड विकास पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले राजस्व निबंधन विभाग की अनुमति नहीं ली गयी है. इसलिए इस प्राथमिकी को निरस्त किया जाये.

 

संघ ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि विभागीय कामकाज की समीक्षा के दौरान किसी कर्मचारी को वरीय अधिकारियों द्वारा डांटना आत्महत्या के लिए प्रेरित करना नहीं समझा जायेगा. संघ ने आत्महत्या करने वाले पंचायत सेवक का उल्लेख करते हुए कहा है कि उसने पीरटांड में पदस्थापन के दौरान आत्महत्या की धमकी दी थी. प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा तत्काल इसकी सूचना उपायुक्त को दी गयी थी. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अगर विभागीय कामकाज की समीक्षा के दौरान काम में लापरवाही बरतने के मामले में डांटने को अगर प्रताड़ित करना माना जायेगा तो सरकार के काम काज पर ग़लत प्रभाव पड़ेगा.

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