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जानिए क्या है नया वेज कोड
सरकार ने 29 श्रम कानूनों को एक साथ जोड़कर एक नया वेज कोड बनाया है. इसमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी कोड, सोशल सेक्योरिटी कोड ऑन वेजेज तथा वेज कोड 2019 शामिल हैं. नये वेज कोड के मुताबिक अब किसी भी कर्मचारी का बेसिक पेमेंट उसकी सैलरी के 50 प्रतिशत से कम नहीं सकता है. नया वेज कोड लागू होने के बाद नियोक्ता को सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) का 50 प्रतिशत हिस्सा बेसिक पेमेंट के तौर पर देना होगा. इससे दूसरे कंपोनेंट्स में कर्मचारियों की हिस्सेदारी बढ़ जायेगी. इससे उनका पीएफ और ग्रैच्युटी बढ़ जायेगा. इसके अलावा, बोनस, पेंशन, कन्वेंस एलाउंस, हाउस रेंट एलाउंस, हाउसिंग बेनिफिट्स, ओवरटाइम जैसे कंपोनेंट्स खत्म हो जायेंगे. केवल बेसिक पे, डीए (रिटेंशन पेमेंट) ही बच जायेंगे. कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि बेसिक सैलरी के अलावा सीटीसी में शामिल कोई अन्य कंपोनेंट 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो. यह भी पढ़ें - 2.24">https://lagatar.in/2-crore-24-lakh-liters-of-beer-2-crore-30-lakh-liters-of-desi-and-2-crore-35-lakh-liters-of-foreign-liquor-were-consumed-by-people-of-jharkhand/93053/">2.24करोड़ लीटर बीयर, 2.30 करोड़ लीटर देशी और 2.35 करोड़ लीटर विदेशी दारू गटक गये झारखंड के शराबप्रेमी
वेज कोड को लेकर राज्यों को भी बनाना होगा नियम
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने चार कोड तय कर दिये हैं. लेकिन अभी तक इन्हें लागू नहीं किया गया है. कारण यह है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत इन वेज कोड को तब तक नोटिफाई नहीं किया जा सकता, जब तक कि ये कानून न बन जायें. खबरों के मुताबिक इन चार वेज कोड को लेकर कई राज्यों ने अभी कोई नियम नहीं बनाया है. बताया जाता है कि कुछ राज्य इन नियमों को लागू नहीं करना चाहते हैं. लेकिन केंद्र सरकार इन वेज कोड को अगले कुछ महीनों में लागू करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कुछ राज्यों ने इसे लेकर ड्राफ्ट रूल तैयार कर लिया है. इन राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड शामिल हैं. [wpse_comments_template]

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