Ranchi : झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है. हाल ही में सामने आए मामलों ने यह साफ कर दिया है कि आम मरीजों की जिंदगी के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है. एक ओर जहां गंभीर मरीजों को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पा रही है और उन्हें खाट या कंधे पर ढोकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर सरकारी एम्बुलेंस का इस्तेमाल ‘रील’ बनाने के लिए किया जा रहा है.
108 एम्बुलेंस सेवा की गाड़ी संख्या JH01FL7697 का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एम्बुलेंस का उपयोग मनोरंजन के लिए किया जा रहा है. यह न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि आम जनता के जीवन के साथ भी खिलवाड़ है.
झारखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अराजकता की स्थिति में है. राज्य में आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिनसे साफ है कि व्यवस्था चरमराई हुई है. जरूरतमंद मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवा जीवन रक्षक है, लेकिन जब वही सेवा लापरवाही और मजाक का साधन बन जाए तो यह सरकार और विभाग की गंभीर नाकामी को उजागर करता है.
जनता सवाल कर रही है कि आखिर स्वास्थ्य मंत्रालय कब तक ऐसी लापरवाहियों को नजरअंदाज करता रहेगा.वहीं जब इस बारे में सिविल सर्जन रांची डॉ प्रभात कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है और अगर एंबुलेंस का दुरुपयोग किया जा रहा है तो इसकी कार्रवाई की जाएगी
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