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राज्य में 15 जनवरी तक सभी स्कूल बंद रखे गये है
बता दें कि राज्य सरकार ने 15 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सरकार ने कैसे इस परीक्षा की अनुमति दे दी और कोडरमा जिला प्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व छापामारी कर कोचिंग,स्कूल व शिक्षण संस्थानों के खुले होने पर कार्रवाई और संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया था. तो जिला प्रशासन द्वारा इसपर किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया,कार्रवाई या का संज्ञान में क्यों नहीं लिया गया. न ही परीक्षा को रद्द करने का प्रयास किया गया. इस परीक्षा के अनुमति किस आधार पर दी गई. लगभग दो साल से कोरोना की पहली,दूसरी,तीसरी लहर बता कर स्कूल व शिक्षण संस्थानों को बंद रखा गया है. वही दूसरी तरफ सरकार निजी विद्यालय के भवन का उपयोग कर केंद्र के विद्यालय की प्रवेश परीक्षा को लेकर खुद के बनाए कोरोना कानून की धज्जियां उड़ाते दिखी. इसे भी पढ़ें - लेवी">https://lagatar.in/dinesh-gops-aides-brother-arrested-with-61-lakhs-of-levy-ranchi-police-investigating-international-connections/">लेवीके 61 लाख के साथ दिनेश गोप के सहयोगी का भाई गिरफ्तार, इंटरनेशनल कनेक्शन खंगाल रही रांची पुलिस
16 जनवरी से स्कूलों को खोलने का आह्वान किया जाता है
पासवा एसोसिएशन के प्रदेश सचिव तौफीक हुसैन ने सरकार एवं जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के दिए गए निर्देश के बावजूद राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन ने परीक्षा की अनुमति कैसे दी?अगर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है तो परीक्षा क्यों ली गई ? केवल स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में ही कोरोना का प्रभाव है जबकि बच्चें मॉल,दुकान,पार्क,बाजार,खेल के मैदान में घुम रहे है. तो उन्हें शिक्षा से वंचित क्यों रखा जा रहा है? इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है? एसोसिएशन अभिभावकों से भी आग्रह करती है कि अपने बच्चों के भविष्य के प्रति जागरूक हो! सरकार इस प्रकार का माहौल बना कर भयभीत और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. विशेषकर निजी विद्यालयों के साथ दोहरी नीति अपना रही है. सरकार राज्य में संचालित 47 हजार से भी अधिक निजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में क्यों रख रही है. जबकि जिला, राज्य व देश के विकास में निजी विद्यालय अहम भूमिका निभाती है. लेकिन राज्य सरकार शिक्षा के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रही है सूबे में पूरी तरह शिक्षा व्यवस्था ठप होती दिख रही है! इसका जिम्मेदार कौन है? इसलिए प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन सरकार से इस परीक्षा हेतु लिए गए निर्णय एवं उठाए गए इस अनुचित कदम का कड़ा विरोध करती हैं. आगामी 16 जनवरी से स्कूल,कॉलेज,कोचिंग,शिक्षण संस्थानों को खोलने का आह्वान करती है. इसे भी पढ़ें - सरायकेला">https://lagatar.in/seraikela-youth-committed-suicide-by-hanging-was-addicted-to-drugs/">सरायकेला: युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, ड्रग्स की थी लत [wpse_comments_template]

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