शाहदेव यौन उत्पीड़न केस : CBI की दलील-शादी के बाद धोखे में रखकर निकाह किया, मुश्ताक ने शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की
खुदी पर हैं 50 मामले दर्ज
खुदी पर गुमला, सिमडेगा, लातेहार जिला के थानों में 50 केस दर्ज हैं. चैनपुर थाना में हमला, चैनपुर ब्लॉक भवन को उड़ाने व चैनपुर पुलिस पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मारने की घटना में भी खुदी शामिल रहा है. खुदी मुंडा पिछले दो वर्ष से पालकोट और सिमडेगा के सीमांत में अपनी गतिविधि चलाता था. पिछले माह दो कमांडर राजेश उरांव और लाज़िम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद से ही खुदी ने आत्मसमर्पण कर दिया.जानें कैसे भाकपा माओवादी संगठन में हुआ शामिल
नक्सली खुदी मुंडा ने कहा कि 1996 में अपने चचेरे भाई पूर्व में माओवादी का सक्रिय सदस्य बॉबी मुंडा के लिए सामान पहुंचाने और पुलिस के आवागमन की सूचना देने का कार्य करता था. 1999 में चचेरा भाई के साथ लापुंग थाना क्षेत्र में हथियारों की लूटपाट और कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा. वर्ष 2001 में गिरफ्तार होकर जेल चला गया. जेल में बंद रहने के दौरान उग्रवादी संगठन के कई सदस्यों से जान पहचान हुई. 2005 में जेल से बाहर आने के बाद पारिवारिक विवाद के कारण भाकपा माओवादी के कमांडर मनोज नगेसिया और सिलबेस्तर लकड़ा के संपर्क में आया और दस्ता के साथ रहने लगा. वर्ष 2008 में पालकोट कोलेबिरा सिमडेगा गुमला क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया. इसके बाद वर्ष 2009 में रीजनल कमांडर सिलबेस्तर लकड़ा द्वारा पालकोट सिमडेगा क्षेत्र का सब जोनल कमांडर बनाया गया. सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मैंने सरेंडर किया. इसे भी पढ़ें -रांची">https://lagatar.in/viral-video-of-ormanjhi-police-picking-up-the-money-thrown-by-coal-smuggler/">रांची: कोयला तस्कर के फेंके हुए पैसे उठाते ओरमांझी पुलिस का वीडियो वायरल [wpse_comments_template]
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