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ग्वालियर : कड़कनाथ मुर्गा चाहिए? 10 हजार की लंबी वेटिंग है! सर्दी में बढ़ गयी है मांग

Bhopal : क्या कड़कनाथ मुर्गा चाहिए? 10 हजार की लंबी वेटिंग है! उसके बाद आपका नंबर आयेगा. बता दें कि   मध्य प्रदेश के झाबुआ-धार की पहचान कड़कनाथ मुर्गे से है. इसकी डिमांड सर्दी के मौसम में बढ़ गयी है.  डिमांड बढ़ने की वजह से 2016 से ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में भी उत्पादन शुरू हो गया है.  सर्दी के दिनों की अवधि ज्यादा होने की वजह से डिमांड ज्यादा हो रही है और अभी ग्वालियर से सप्लाई होने वाले कड़कनाथ के लिए करीब 10 हजार की लंबी वेटिंग बताई जा रही है. इसे भी पढ़ें : वार्षिक">https://lagatar.in/annual-cleanliness-survey-indore-won-the-cleanest-city-award-for-the-5th-time-varanasi-topped-in-the-category-of-ganga-city/">वार्षिक

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कक्कड़ नाथ मुर्गों की डिमांड लगातार बढ़ रही है

ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में पैदा होने वाले कक्कड़ नाथ मुर्गों की डिमांड लगातार तेजी से बढ़ रही है और यही वजह है कि बीते एक महीने में कृषि विज्ञान केंद्र के पास कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड पांच गुना ज्यादा आने लगी है. इसे कृषि विज्ञान केंद्र कड़कनाथ मुर्गा की डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहा है. हालात यह है कि कृषि विज्ञान केंद्र के पास कड़कनाथ के 10 हजार चूजों और मुर्गों की वेटिंग चल रही है. इसे भी प ढ़ें : कृषि">https://lagatar.in/subramanian-swamy-said-on-withdrawing-agriculture-law-china-has-occupied-our-land-will-modi-accept-it-and-get-rid-of-every-inch/">कृषि

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सर्दी बढ़ते ही बढ़ी कड़कनाथ की मांग

जानकारी के अनुसार इस समय पूरे देश भर में कड़कनाथ मुर्गा की भारी मांग है. सर्दियों के मौसम में यह डिमांड 4 से 5 गुना बढ़ जाती है. क्योंकि कडकनाथ मुर्गे का चिकन तासीर में काफी गर्म होता है और सर्दियों के समय इसका चिकन खाना शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों से भी कड़कनाथ मुर्गे की काफी डिमांड है, यही वजह है कि कृषि विज्ञान केंद्र इस डिमांड को पूरी नहीं कर पा रहा है.

ग्वालियर देश का तीसरा कड़कनाथ सेंटर 

ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र देश का तीसरा ऐसा सेंटर है जहां पर कड़कनाथ मुर्गा की हेचिंग की जाती है. यहां कड़कनाथ के अंडे से चूजे तैयार किये जाते हैं और उन्हें बेचा जाता है.  यहां तैयार चूजे प्रदेश के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सो में जाते सप्लाई होते हैं. यहां से मध्यप्रदेश के साथ साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात ,महाराष्ट्र और हैदराबाद से भी लोग कड़कनाथ की चूजे और मुर्गा- मुर्गी लेने पहुंचते हैं. खासकर सर्दियों के मौसम में इनकी मांग काफी ज्यादा हो जाती है. इसे भी प ढ़ें :  प्रियंका">https://lagatar.in/priyanka-gandhi-wrote-a-letter-to-pm-modi-said-if-you-are-sensitive-towards-farmers-then-sack-ajay-mishra-from-the-cabinet/">प्रियंका

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45 किसानों ने कड़कनाथ पालन के लिए आवेदन दिया

खबरों के अनुसार ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र में इस बार जिले के 45 किसानों ने कड़कनाथ पालन के लिए आवेदन दिया है. कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ साइंटिस्ट और प्रमुख डॉ राज सिंह कुशवाह का कहना है कि अंचल में कड़कनाथ का उत्पादक किसानों के लिए एक आय अच्छा जरिया साबित हो रहा है. किसान कड़कनाथ का उत्पादन कर इसे अच्छे मुनाफे में बेच कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे है. बताया कि कोरोना संक्रमण काल में कड़कनाथ मुर्गे की भारी डिमांड थी. [wpse_comments_template]

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