Ranchi : रिम्स में इलाजरात हीमोफीलिया के मरीज बापी दास को फैक्टर 7 दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिससे मरीज की स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. मरीज बापी दास को पिछले तीन महीना पूर्व हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ एलबी मांझी और औषधि विभाग के चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने हीमोफीलिया की दवा फैक्टर 7 इन्हीबिटर या जीवन रक्षक दवा बाईपास एजेंट FIBA की दवा लिखी है. इस दवा के लिए हर साल भारत सरकार करोड़ों रुपए रिम्स को मुहैया भी कराती है. लेकिन प्रबंधन की उदासीनता के कारण मरीज को यह दवा नहीं मिल रही है.
अप्रिय घटना हुई तो जिम्मेवार होगा रिम्स प्रबंधन
वहीं हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सेंटर रांची चैप्टर के सचिव संतोष जायसवाल ने कहा कि रिम्स प्रबंधन के उदासीन रवैये के कारण मरीज की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. यदि इस गंभीर मरीज को समय पर दवा उपलब्ध नहीं हुआ तो मरीज की मौत तक हो सकती है. साथ ही कहा कि अगर भविष्य में ऐसी कोई अप्रिय घटना होती है तो इसका जिम्मेवार रिम्स प्रबंधन होगा.
दवा को लेकर हीमोफीलिया सोसायटी के सचिव ने लिखा है पत्र
इस संदर्भ में फैक्टर 7 की मांग पिछले महीने के 5 अप्रैल से की जा रही है. लेकिन अब तक रोगी को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस बाबत स्वास्थ शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को पत्राचार भी किया गया है. 1 महीना से अधिक समय बीत जाने के बाद एक बार फिर हीमोफीलिया सोसायटी रांची चैप्टर के सचिव संतोष जायसवाल ने पत्र लिखा है ताकि जल्द से जल्द फैक्टर 7 की दवा उपलब्ध करायी जा सके.