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सीयूजे के कोरियन भाषा विभाग में हंगुल दिवस मनाया गया

Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Jharkhand) के सुदूर पूर्व भाषा अध्ययन विभाग (कोरियन) में कोरिया की वैज्ञानिक लिपि ‘हंगुल’ और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने हेतु हंगुल दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया. 

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हर वर्ष 10 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस विशेष दिवस के उपलक्ष्य में इस बार विश्वविद्यालय ने 8 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जिसका समापन सांस्कृतिक उत्सव के साथ हुआ।

 

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां


कार्यक्रम का शुभारंभ भाषण, पोस्टर मेकिंग, कोरियन कैलीग्राफी और स्क्रिप्ट राइटिंग जैसी प्रतियोगिताओं से हुआ.

  • भाषण प्रतियोगिता में द्वितीय वर्ष की छात्रा रिया कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया.
  • पोस्टर प्रतियोगिता में शुभम राज, गरिमा कुमारी, सुषाना टोपो और अमन राज ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा.
  • स्क्रिप्ट राइटिंग में प्रथम वर्ष की छात्रा श्रेया सिंह ने हंगुल लिपि में अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया.


दूसरे दिन छात्रों को कोरियाई इतिहास से परिचित कराने के उद्देश्य से प्रसिद्ध ऐतिहासिक फिल्म ‘A Taxi Driver’ की स्क्रीनिंग की गई. यह फिल्म 1980 के ग्वांगजू लोकतांत्रिक आंदोलन की सजीव झलक प्रस्तुत करती है जिससे छात्रों को कोरियाई समाज के संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों को समझने का अवसर मिला.

 

समापन समारोह और सांस्कृतिक उत्सव

अंतिम दिन हंगुल दिवस का समापन एक भव्य समारोह के साथ हुआ जिसकी शुरुआत परंपरागत मशाल प्रज्वलन से हुई.

 

समारोह की कई गणमान्यजनों ने शोभा बढ़ाई 

प्रो मनोज कुमार (डीन अकादमिक प्रमुख), प्रो श्रेया भट्टाचार्जी (डीन, भाषा विभाग), प्रो रबीन्द्रनाथ शर्मा (विभागाध्यक्ष, कोरियन विभाग), शशि कुमार मिश्रा और पवन द्विवेदी (कोरियन भाषा प्राध्यापक) साथ ही अन्य विभागों के प्रोफेसर और 100 से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति रही.

 

छात्रों द्वारा प्रस्तुत कोरियाई पारंपरिक नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम में कोरियाई व्यंजनों का भी प्रदर्शन और स्वाद परोसने की व्यवस्था थी, जिनमें किमची, बिबिमबाप, ट्टेओकबोक्की, रेमन आदि शामिल थे। उपस्थित जनसमूह ने इन व्यंजनों के माध्यम से कोरियाई पाक परंपरा को निकट से जाना और सराहा.

 

सांस्कृतिक संवाद का सेतु बना हंगुल दिवस

यह तीन दिवसीय आयोजन छात्रों को कोरियाई भाषा, इतिहास और संस्कृति से परिचित कराने के साथ-साथ भारत और कोरिया के बीच सांhttps://lagatar.in/chakradharpur-married-women-kept-the-fast-of-karva-chauth-worshiped-in-kali-temple

 

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