अंतिम यात्रा में पुलिस पदाधिकारी, नेता समेत कई लोग रहे शामिल हुए, घर पर बढ़ाई चौकसी
निलंबन और कार्रवाई को लेकर सस्पेंस बरकरार
एसपी को सौंपी गई है रिपोर्ट, आदेश आते ही स्पष्ट कर दिया जाएगा मामला : एसडीपीओ
बीते सोमवार रात बरही थाने में पिटाई से मौत का आरोप
पीड़ित परिवार ने दिया लिखित आवेदन, सस्पेंस बरकार
वरीय अधिकारियों संग चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल रहा तैनात
Barhi : पुलिस हिरासत में चोरी के आरोपी मो. अशफाक खान की मौत के बाद बुधवार को शव को बरही कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया. इससे पूर्व पोस्टमार्टम के बाद बीती मंगलवार देर रात मृतक का शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था. वहीं, शव दफनाने के दौरान इस दौरान प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किए गए थे. सुबह करीब 10 बजे एसडीपीओ नाजिर अख्तर, सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह सहित दर्जनों पुलिस बल के साथ मृतक की अंतिम यात्रा निकाली गई.
इसे भी पढ़ें :ज्यां द्रेज का दावा- फेल हो जायेगी सरकार की फूलो- झानो आशीर्वाद योजना
अंतिम यात्रा में कई लोग रहे मौजूद
अंतिम यात्रा में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष डॉ. निजामुद्दीन अंसारी, 20सूत्री अध्यक्ष इकबाल रजा, तौकीर रजा, पंचायत समिति सदस्य मो. तैयब, मो. अफताब समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. इधर, मृतक के घर के आसपास चौकसी भी बढ़ा दी गई है. वहीं, इस मामले को लेकर थाने में दिए गए आवेदन को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. शिकायतकर्ता भी स्पष्ट रुप से बताने से कतरा रहे हैं. जितनी मुंह, उतनी बातें सामने आ रही हैं. बताया जाता है कि विगत सोमवार देर शाम आवेदन दिया गया था. जिसे त्रुटि पूर्ण बता कर आवेदन में सुधार किया गया. आवेदन में चोरी का आरोप लगाने वाले बासुदेव प्रसाद उर्फ विक्की, रवि कुमार सहित कुछ अज्ञात व घटना के वक्त थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों पर मारपीट से मौत का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है. बता दें कि घटना के बाद आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर शव रख कर जीटी रोड काे करीब चार घंटे जाम कर दिया था. इस दौरान पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी से लेकर बरही थाने पर पत्थरबाजी भी हुई थी. काफी मान-मनौवल के बाद जाम हटा था.
एसडीपीओ ने सौंपी रिपोर्ट
एसपी मनोज रतन चौथे के निर्देश पर एसडीपीओ नाजिर अख्तर ने रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट गुप्त रूप से भेजी गई है. अब तक कितने पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं, इस सवाल पर उन्होंने बताया कि यह एसपी के आदेश आने के बाद ही स्पष्ट बताया जा सकता है. फिलहाल निलंबन या कार्रवाई पर कोई भी पदाधिकारी स्पष्ट रूप से नहीं बताना चाह रहे हैं.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर : स्कूल के टिफिन में नॉनवेज ले जाने पर शिक्षा विभाग ने लगाई रोक
पूर्व विधायक ने इंसाफ दिलाने का दिया आश्वासन
बरही पुलिस की हिरासत में चोरी के आरोपी अशफाक खान की मौत पर चहुंओर सवाल उठ रहे हैं. मामले में पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव अपने समर्थकों के साथ मृतक के परिजनों से मिलने उनके आवास पहुंचे. उन्होंने परिजनों को ढांढ़स बंधाते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की. साथ ही पूरी घटना को डीसी हजारीबाग व मुख्यमंत्री से मिल कर इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की स्थिति दयनीय है. घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी सहित अधिक से अधिक सरकारी मुआवजा मिले, इस दिशा में वे हर संभव प्रयास करेंगे. पीड़ित परिवार से मिलने वालों में डॉ. अनिल कुमार, भगवान केशरी, रितेश गुप्ता, अशोक राणा, इमरान खान उर्फ राजा, मो. फरीद, मो फारुख, मो. आसिफ आदि भी शामिल थे.
दूसरी खबर
पांच माह में 101 युवाओं को मिला रोजगार, शादी कर कई ने बसाई घर-गृहस्थी
200 बेरोजगारों का हुआ था रजिस्ट्रेशन, सुविधा या योग्यता अनुरूप नौकरी नहीं मिलने पर 50 ने ठुकराया ऑफर
जिले के अवर प्रादेशिक नियोजनालय में हुआ था रजिस्ट्रेशन
3 जून को लगा था रोजगार मेला, 17 जुलाई को लगा भर्ती कैंप
श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की पहल
Pramod Upadhyay
Hazaribagh: जिले में लगाए गए रोजगार मेले के माध्यम से पिछले पांच माह में करीब 101 लोगों को रोजगार नसीब हुआ है. श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग अवर प्रादेशिक नियोजनालय, हजारीबाग में करीब 200 शिक्षित बेरोजगारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें करीब 50 लोगों ने इसलिए नौकरी छोड़ दी कि उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिला. इनमें करीब 40% लड़कियां या महिलाएं शामिल रहीं. ऐसे युवा नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना चाहते थे. वहीं, योग्यता के अनुरुप कुछ युवाओं को काम नहीं मिले, इसलिए भी कई लोगों ने नौकरी नहीं की.
कम सैलरी मिली तो ऑफर ठुकराया
कुछ लोगों को सैलरी कम लगी, तो कंपनी के ऑफर को ठुकरा दिया. खुशी की बात यह है कि नौकरी पाए कई युवक-युवतियों ने रोजगार मिलने के साथ ही अपना घर-परिवार भी बसा लिया. अब वह खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं. रांची-पटना रोड स्थित हजारीबाग आईटीआई कॉलेज के पास चलने वाले श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग अवर प्रादेशिक नियोजनालय में मार्च के बाद से युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया. तीन जून को वहां रोजगार मेला लगा और 17 जून को भर्ती ली गई. फिर 17 जुलाई को भर्ती कैंप लगा, जिसमें विभिन्न कंपनियां रजिस्टर्ड शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी देने पहुंची. दोनों भर्ती कैंप में कुल 101 युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ा गया. इन बेरोजगारों की योग्यता अनुसार मैनेजर, व्याख्याता, शिक्षक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कॉल सेंटर, टेली कॉलिंग, गार्ड व स्वीपर आदि पदों पर बहाली ली गई.
इसे भी पढ़ें :रिम्स: MBBS-बीडीएस 2019-22 बैच के छात्रों को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का आदेश
ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
पहले आईटीआई कॉलेज स्थित श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग अवर प्रादेशिक नियोजनालय के मॉडल करियर सेंटर में जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. उसके बाद मोबाइल पर मैसेज एवं फोन के जरिए से जानकारी दी जाती है. कब होगी भर्ती और किन पदों पर बहाली होगी के अलावा कौन-कौन सी कंपनियां आएंगी, इसका पूरा ब्योरा भी बताया जाएगा.
इन कंपनियों ने युवाओं को रोजगार से जोड़ा
संस्थान के प्रधान लिपिक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पिछले पांच माह में हजारीबाग एलआईसी, बजाज एलियांज, जयभारत ऑटोमोबाइल्स अहमदाबाद, राजेंद्र प्रसाद आईटीआई कॉलेज हजारीबाग के अलावा कोलकाता, हैदराबाद, बंगलुरु आदि महानगरों से भी कंपनियां आईं थीं.
10 हजार से शुरुआत, एक साल बाद 22 से 25 हजार
प्रधान लिपिक ने बताया कि पिछले साल जामताड़ा की एक कंपनी में सात लोगों को रोजगार मिला. वहां उनकी सैलेरी 10 हजार रुपए प्रतिमाह से शुरू की गई. अब उनकी सैलेरी 22 से 25 हजार रुपए प्रत्येक माह हो चुकी है. पहले वे लोग जामताड़ा नहीं जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें भरोसा दिया गया कि उनके भविष्य के लिए बेहतर रहेगा. फिर वे लोग गए और आज खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. कुछ लोगों ने जामताड़ा से यहां नियोजनालय आकर धन्यवाद भी दिया. उनमें चार युवकों ने बताया कि नौकरी मिलने के बाद उन्होंने शादी कर अपना घर-परिवार बसा लिया है.
तीन युवाओं ने नौकरी छोड़ने की बताई वजह
हजारीबाग के कौशल कुमार, रिंकी कुमारी व सुशांत कुमार ने नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया. कंपनी में चयनित होने के बाद भी कौशल नौकरी के लिए बाहर नहीं गए. उनका कहना था कि स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलता, तो जरूर नौकरी करते. बाहर जाने में वह असमर्थ हैं. वहीं सुशांत ने बताया कि योग्यता के अनुसार उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी. उन्होंने साइंस से पीजी की है और उन्हें कॉल सेंटर में नौकरी मिल रही थी. यह उन्हें पसंद नहीं था. वहीं, रिंकी कुमारी ने बताया कि उन्होंने पैथोलॉजी की ट्रेनिंग ली है, लेकिन उस अनुसार नौकरी नहीं मिल रही थी.