Hazaribagh: शहर में गुरुवार रात मुहर्रम का पांचवीं का जुलूस निकाला गया. शहर से लेकर गांव तक यादे हुसैन में इस्लाम धर्मावलंबियों ने नारे लगाए. इस मातमी त्योहार में लोगों ने विभिन्न जगहों पैकाहे इमामबाड़ों पर गये. साथ ही करबला जाकर सच की लड़ाई में यजीद के साथ लड़ते-लड़ते हसन-हुसैन की शहादत को याद किये.
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इसमें राजद जिलाध्यक्ष, शांति समिति के सदस्य और समाजसेवी संजर मलिक ने भी युवाओं के साथ जुलूस में लाठियां भांजीं. बच्चे और बुजुर्ग भी इमामबाड़ों का भ्रमण किये. इस दौरान मुहर्रम से जुड़े कई अखाड़ों के खलीफा प्रशासन के साथ मुस्तैदी से मौजूद थे. साथ ही इमामबाड़ा कमेटी की ओर से दिए गए रुट व समय और गाइडलाइन का पालन करते हुए मुस्लिम माह के पहले दिन से ही जुलूस शुरू कर दिया था. फातेहा, लंगरखानी और मजलिस के जरिए उन लम्हों के बीते पलों को शहीदे करबला रिजवानूल्लाह ताअला अलैहे अजमईन की खेराजे अकीदत पेश की. जानकारी है कि मुहर्रम का आठवीं, नौवीं और 10वीं का जुलूस हजारीबाग के परंपरागत छड़वा मैदान में निकाला जाएगा. इस दौरान वहां मुहर्रम का मेला भी लगेगा.
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