Hazaribagh : सोमवार की सुबह 9:30 बजे जैन महिला मिलन की ओर से आईलेक्स में वीर गोम्मटेशा फिल्म दिखाई जाएगी. झारखंड में यह पहली मूवी हजारीबाग में दिखाई जा रही है. इस फिल्म के डॉयरेक्टर बहुत ही कम उम्र और मात्र आठ महीने में यह पिक्चर तैयार कर कई राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए हैं.
कसरावद के शशांक शैलेंद्र जैन ने महज 30 वर्ष की उम्र में जैन धर्म पर आधारित वीर गोम्टेशा फीचर फिल्म का निर्माण कर दिखाया. जैन समाज के मीडिया प्रभारी विजय लुहाड़िया ने बताया कि इस मूवी में जैन धर्म के बारे में बताया गया है.
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12 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित
12 राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित इस फिल्म के माध्यम से बताया गया है कि संथारा या सल्लेखना से मृत्यु को प्राप्त होना आत्महत्या नहीं, बल्कि मोक्ष को प्राप्त करने का अचूक मार्ग है. संथारा और सल्लेखना के मुद्दे को फिल्म में बड़ी ही कुशलता और सूझबूझ से प्रदर्शित किया गया है. यह फिल्म सिर्फ जैन ही नहीं जैनेत्तर लोगों को प्रभावित करता है. जैन महिला समाज की आशा विनायका ने बताया कि झारखंड में पहली बार यह फिल्म दिखाई जा रही है. इस फिल्म को दिखाने में पटना समाज से प्रेरणा मिली. इस फिल्म को दिखाने के लिए जैन महिला मिलन की संयोजिका आशा विनायका व सुशीला सेठी, अध्यक्ष प्रेमा लुहाड़िया, सचिव संतोष अजमेरा, प्रेमा टोंग्या, रुदस्य रुई सेठी व सहयोग में गुंजन सेठी व परिषद तैयारियों में जुटे हैं.
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