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हजारीबाग : शिक्षक बन कटकमसांडी सीओ ने ली बच्चों की क्लास, बढ़ाया उत्साह

उत्क्रमित विद्यालय छड़वा के विद्यार्थियों को बताई चुनाव की बारीकियां कामयाबी के दिए टिप्स, खूब पढ़ाई कर बन सकते हैं पदाधिकारी Gaurav Prakash Hazaribagh : झारखंड में कई ऐसे पदाधिकारी हैं, जो अपने व्यस्ततम समय से वक्त निकालकर बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. उनमें अब अनिल कुमार का नाम भी शामिल हो रहा है. कटकमसांडी सीओ अनिल कुमार इन दिनों शिक्षक के रूप में नजर आ रहे हैं. सीओ अनिल कुमार उत्क्रमित विद्यालय छड़वा में दसवीं कक्षा के बच्चों को चुनावी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. उन्हें बताया कि किस तरह चुनाव संपन्न होता है. कौन-कौन से व्यक्ति चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनते हैं. चुनाव समाप्त होने के बाद कैसे सरकार का गठन होता है. यही नहीं, उन्हें यह भी बताया कि वोटर लिस्ट का महत्व क्या होता है. इसे भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-scam-in-pms-residence-middlemen-withdraw-wages-from-beneficiaries-account/">गिरिडीह

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ग्रामीण इलाके के छात्रों को नहीं मिल पाता सही मार्गदर्शन

दरअसल कटकमसांडी सीओ अनिल कुमार उत्क्रमित विद्यालय छड़वा में एक शिक्षक के रूप में दिखे. वहां उन्होंने छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित किया और जानने की कोशिश कि बच्चे कैसे पढ़ाई कर रहे हैं. अनिल कुमार ने उन्हें इस दौरान अच्छी पढ़ाई और भविष्य की रणनीति तय करने की भी जानकारी दी. ग्रामीण इलाकों के बच्चों को शिक्षा के महत्व और करियर के बारे में बताने वालों की संख्या बेहद कम होती है. छात्रों को सही मार्गदर्शन नहीं हो पाता है. इसे देखते हुए इन दिनों कटकमसांडी सीईओ अनिल कुमार ग्रामीण इलाकों के बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगाते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने भी तय किया है कि ग्रामीण इलाकों में जाकर छात्रों को जानकारी दे. इसे देखते हुए वे काम करने के दौरान ही किसी न किसी दिन कोई न कोई स्कूल में पढ़ाते हुए नजर आते हैं.

छात्रों से बात करना अच्छा लगता है : अनिल कुमार

छात्रों से उन्हें बात करना बेहद अच्छा लगता है. उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में प्रतिभा की कमी नहीं है. सिर्फ सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है. दसवीं क्लास के बच्चे समझदार होते हैं. वे अपने भविष्य के लिए भी चिंतित रहते हैं. इसे देखते हुए हमेशा किसी न किसी स्कूल में जाकर उन्हें टिप्स देते हैं. उनका यह भी कहना है कि कोई खास विषय पर बच्चों को पहले पढ़ाते हैं. जब बच्चे के साथ संबंध स्थापित हो जाता है, तो उन्हें मोटिवेट भी करने की कोशिश की जाती है ताकि शिक्षा के महत्व को वह समझ सके. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/co-katkamsandi_704-1.jpg"

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ग्रामीण इलाकों में छात्रा दसवीं के बाद छोड़ देती हैं पढ़ाई

ग्रामीण इलाकों में ऐसा होता है कि छात्राएं दसवीं पास होने के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं. ऐसे में उन छात्राओं को भी यह प्रेरित किया जाता है कि सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके जरिए उच्चतर शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है. उन्हें भी आगे बढ़ने की जरूरत है. उनका यह भी कहना है कि छात्राओं को यह भी कहा जाता है कि अगर कोई समस्या आ रही है, तो कार्यालय में आकर मिले या फिर मोबाइल के जरिए भी संपर्क स्थापित किया जा सकता है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके.

सीओ साहब पढ़ने के लिए करते हैं प्रेरित : छात्रा

स्कूल की छात्राएं भी कहती हैं कि उनके स्कूल में सीओ साहब पढ़ाने के लिए आए थे. उन्होंने विद्यार्थियों को चुनाव की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्हें बहुत कुछ पता भी चला. सबसे खास बात यह है कि उन्होंने खूब पढ़ने के लिए प्रेरित भी किया. उनका कहना है अगर अच्छा पढ़ेंगे, तो एक दिन अधिकारी भी बन सकते हैं. छात्रों का यह भी कहना है कि समय-समय पर ऐसे पदाधिकारी आएंगे तो लाभ भी मिलेगा. [wpse_comments_template]

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