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अक्टूबर से नहीं मिला कर्मियों को वेतन
हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज समेत दुमका और पलामू में भी यह सेंटर खोले गए थे. हज़ारीबाग़ में इस सेंटर को जुलाई 2020 में खोला गया था. झारखंड सरकार का प्रेजा फाउंडेशन के साथ इसका करार है और कोर डाइग्नोस्टिक इसे संचालित करता है. तीन मेडिकल कॉलेज में स्थापित इस लाइफ में लगभग 70 लोग कार्यरत हैं. टेस्टिंग किट उपलब्ध नहीं होने के कारण जहां एक ओर जांच बंद है, वहीं दूसरी तरफ पिछले अक्टूबर माह से लेकर अबतक इन 70 कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. लगभग तीन करोड़ की राशि इनकी बकाया है जो वेतन मद की है. इसे भी पढ़ें -दिल्ली">https://lagatar.in/delhi-cm-kejriwal-corona-positive-tweeted-information-isolated-at-home/">दिल्लीके सीएम केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव, ट्वीट कर दी जानकारी, घर में हुए आइसोलेट
किसी को जांच केंद्र खुलने की कोई जानकारी नहीं है
कोरोना काल में इस टेस्टिंग सेंटर में बड़ी संख्या में टेस्ट किए गए थे. जब कोरोना की दूसरी लहर राज्य में आयी थी. उस समय एक महीने में लगभग पचास हज़ार सैंपल की जांच इस केंद्र के द्वारा की गई थी, ऐसे में समझा जा सकता है कि इस केंद्र के चालू नहीं रहने से संभावित तीसरी लहर में कितनी परेशानी हो सकती है. कब तक इनके वेतन आएंगे और कब तक किट यहां आ पाएगा. इसकी कोई सूचना ना तो केंद्र के कर्मियों के पास है और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास. सेंटर चुकी ऊपर से ही संचालित होता है इसलिए मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों को भी इस बारे में कई खास जानकारी नहीं है. इसे भी पढ़ें -मेघालय">https://lagatar.in/meghalaya-governor-malik-clarified-amit-shah-respects-pm-modi-did-not-say-anything-wrong/">मेघालयके राज्यपाल मलिक ने दी सफाई, अमित शाह पीएम मोदी का सम्मान करते हैं, कुछ गलत नहीं कहा
सिर्फ निजी सेंटर पर हो रहा आरटीपीसीआर जांच
दूसरी तरफ हजारीबाग में पिछले 5 दिनों के अंदर कोविड-19 संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई है. साथ ही साथ टेस्ट करवाने वालों की संख्या भी 1 सप्ताह में 3 गुणी हो गई है. फिलहाल आरटीपीसीआर जांच जिले में निजी स्तर पर चलाये जा रहे निजी सेंटर के भरोसे ही चल रहा है. इसे भी पढ़ें -मोदी,">https://lagatar.in/modi-is-caught-between-rakesh-tikait-and-satyapal-malik/">मोदी,राकेश टिकैत और सत्यपाल मलिक के बीच फंस गये हैं [wpse_comments_template]

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