Ranchi: हाईकोर्ट में राज्य के नर्सिंग होम और हॉस्पिटल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर सुनवाई हुई. इस मामले को लेकर झारखंड ह्यूमन राइट कनफेडरेशन ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि राज्य में बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.
क्या है पूरा मामला
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य के सभी जिलों के डीसी से शपथ पत्र मांगा था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनके जिले में स्थित नर्सिंग होम और हॉस्पिटल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की क्या व्यवस्था है.
डीसी की ओर से जवाब दाखिल किया गया है, जिसमें बताया गया है कि अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण किया जा रहा है.
क्या है कोर्ट का निर्देश
कोर्ट ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को डीसी द्वारा दिए गए वक्तव्य की जांच करने और जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की सुनवाई 1 सितंबर को होगी.
याचिका के जरीए क्या की गई है मांग
याचिका में झारखंड में एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल मैनेजमेंट रूल को लागू कराने का आग्रह किया गया है. कहा गया है कि राज्य में अस्पतालों, क्लीनिकों और नर्सिंग होमों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने के लिए एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत बायो वेस्ट मैनेजमेंट हैंडलिंग रूल का प्रावधान झारखंड में लागू होना चाहिए.