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अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 28 को

डीजीपी अनुराग गुप्ता की फाइल फोटो

Ranchi : अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई होगी. बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका को सुनवाई के लिए 28 जुलाई को सूचीबद्ध कर लिया गया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश एनवी अनजारिया की पीठ में होगी. 

बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने को चुनौती दी थी. इसमें मुख्य सचिव सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया गया था. याचिका में कहा गया था कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में दिये गये दिशा निर्देश के खिलाफ की गयी है. अनुराग गुप्ता को नियुक्त करने के लिए यूपीएससी के पैनल से नियुक्त किये गये डीजीपी को गलत तरीके से पद से हटाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने किसी डीजीपी को पद से हटाने के लिए जो शर्त निर्धारित की है उसका उल्लंघन किया गया. इसलिए अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्ति करना न्यायालय की अवमानना है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के पहले चरण में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया था.

इस बीच अनुराग गुप्ता के सेवानिवृत की तिथि के बाद डीजीपी के पद पर बनाये रखने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद पैदा हुआ. 30 अप्रैल 2025 को उनकी उम्र साठ साल पूरी हो चुकी है. इस अवधि के बाद भी उन्हें डीजीपी के रूप में काम करने के दौरान केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कई बार पत्र लिख कर यह कहा है कि अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार का लाभ नहीं दिया गया है. वह रिटायर हो गये हैं. इसलिए राज्य सरकार उन्हें पद से हटाये. 

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार द्वारा डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाये गये नियम को भी गलत करार दिया है. हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया है. राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिख कर यह कहा था कि डीजीपी नियुक्ति के लिए बनाया गया नियम, सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुकूल है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक मे अनुराग गुप्ता डीजीपी के पद पर नियुक्त होने की तिथि से सेवानिवृति के बावजूद दो साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. केंद्र सरकार द्वारा सेवा विस्तार नहीं देने की वजह से महालेखाकार ने पहले अनुराग गुप्ता को पे-स्लिप नहीं दिया था. बाद में राज्य सरकार के अनुरोध पर महालेखाकार से उन्हें सशर्त पे-स्लिप जारी किया.

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