Ranchi : अनगड़ा माइंस लीज मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है. फैसला में क्या लिखा है, यह अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. झारखंड में राजनीति हलचल तेज हो गयी है. इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के एक सांसद और भाजपा समर्थित पत्रकारों सहित अन्य भाजपा नेताओं ने स्वयं चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है. जो वास्तव में एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है. भाजपा द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का यह घोर दुरुपयोग और एक शर्मनाक तरीके से उनका पूर्ण अधिग्रहण देश के लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात है. पढ़ें – रांची : गिरफ्तारी के बाद ईडी ऑफिस में हुआ प्रेम प्रकाश का मेडिकल, सदर अस्पताल से पहुंची थी टीम
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हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यपाल को भेजे सीलबंद लिफाफे को अगर कोई सांसद सार्वजनिक करने का दावा करता है, तो यह क्रिमिनल ऑफेंस है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से स्थिर है. हेमंत सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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चुनाव आयोग या राज्यपाल से सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला- आलमगीर आलम
सीएम से पहले कांग्रेस नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कई मीडिया रिपोर्टों में यह खबर प्रकाशित की जा रही है कि चुनाव आयोग ने सीएम को विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की सिफारिश’ को लेकर फैसला सुनाया है. हालांकि इस संबंध में चुनाव आयोग या राज्यपाल से सीएमओ को कोई पत्र नहीं मिला है.
वहीं, मुख्यमंत्री आवास की तरफ से कहा गया है, संवैधानिक प्राधिकरणों और सार्वजनिक एजेंसियों का भाजपा नेताओं द्वारा दुरुपयोग भारतीय लोकतंत्र के लिए सही नहीं है.
सीएम आवास में यूपीए के विधायकों की आवाजाही शुरू
बता दें कि गुरुवार सुबह चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंचते ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गयी है. सीएम आवास में भी कांग्रेस और जेएमएम विधायकों का आना- जाना शुरू हो गया है. सीएम आवास में झामुमो कोटे के मंत्री जगन्नाथ महतो, झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक मथुरा महतो भी पहुंचे हुए है. अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन भी पहुंचे. इससे पहले मंत्री आलमगीर आलम और मंत्री हफिजुल अंसारी भी गये थे.
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